Sunday, May 5, 2024
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ब्लैक फंगस बीमारी में लगने वाले इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले दो अभियुक्त गिरफ्तार

जनसागर टुडे : धीरेन्द्र अवाना

नोएडा। नोएडा पुलिस को उस वक्त एक नई सफलता मिली जब थाना सैक्टर 58 पुलिस ने ब्लैक फंगस बीमारी में काम आने वाली दवा की कालाबाजारी करने वाले दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया।अभियुक्त कोरोना और ब्लैक फंगस बीमारी में काम आने वाले इंजेक्शनों को जरुरतमंद व्यक्तियों को महंगे दामों में बेच कर मुनाफा कमाते थे। अभियुक्तों की पहचान बुलंदशहर निवासी अनुराग कुमार और नोएडा निवासी अंकित भट्ट के रुप में हुयी है।पुलिस ने इनके कब्जे से दो एम्फो टेरिसिन इंजेक्शन जो ब्लैक फंगस बिमारी में काम आता है बरामद की।

आपको बता दे कि पुलिस आयुक्त आलोक सिंह के आदेश पर स्वास्थ्य संम्बधित चीजों की कालाबाजरी करने वालो के खिलाफ निरंतर कारवाई हो रही है। इसी क्रम में एसीपी-2 नोएडा रजनीश वर्मा के कुशल नेतृत्व में प्रभारी निरीक्षक थाना सैक्टर-58 अनिल राजपूत ने अपनी टीम के साथ मिलकर कोरोना और ब्लैक फंगस बीमारी में काम आने वाले इंजेक्शनों की कालाबाजरी करने वाले दो अभियुक्तों को थाना क्षेत्र के फोर्टिस अस्पताल सैक्टर-62 के पास से गिरफ्तार किया।

पुछताछ में आरोपियों ने बताया कि हम लोग ब्लैक फंगस और कोविड-19 के उपचार में काम आने वाले इंजेक्शन रेमडेसीवर व एम्फो टेरिसिन 50 Mg / 10 ML जो ब्लैक से बेचते थे। अस्पतालों के आने जाने लोगों से संपर्क करके कोरोना संक्रमित और ब्लैक फंगस बीमारी से पीड़ित मरीजों को मंहगे दामों में इंजेक्शन बेच देते थे। आरोपियों ने बताया कि पहले सैम्पल के तौर पर एक या दो इंजेक्शन दिखाते और दे देते थे।बाद में सौदा होने पर सारे इंजेक्शन की मुँह मांगी कीमत वसूलते थे।

आरोपियों ने बताया कि रविवार को भी हम इंजेक्शन का सैम्पल लेकर फोर्टिस अस्पताल के पास आये थे। जिन इंजेक्शनों को हम ब्लैक फंगस बीमारी से पीड़ित मरीजों के परिजनों को अस्पताल के आस पास सैम्पल दिखाकर मुंह मांगी कीमत पर बेचते थे। पीड़ित परिवार अपनों की जान बचाने के लिए इंजेक्शनो को मुंह मांगी कीमत पर खरीद लेते थे।

ये सभी इंजेक्शन अपोलो फार्मेसी में सुपरवाईजर के पद पर तैनात अनुराग फार्मेसियो और अन्य माध्यम से कम कीमत पर खरीद कर लाता था। जिसके बाद अनुराग और अंकित इंजेक्शनो को ब्लैक में बेच कर अवैध रुप से कमाये पैसों को आपस में बांट लेते थे।

पुलिस ने बताया कि बरामद इंजेक्शन की कीमत 2000/- से 3500 रुपये तक की है, लेकिन आरोपी इंजेक्शनो को 15,000/- से 20,000 रुपये में बेचकर काला बाजारी करते थे।

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