Friday, November 1, 2024
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कोरोनाकाल मे अभिभावक खो चुके बच्चों का होगा पालन पोषण : जिला अधिकारी

आजमगढ़ : जिलाधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि विगत 1 वर्ष से देश-प्रदेश में कोविड-19 महामारी का प्रकोप लगातार बना हुआ है। उक्त जोखिम में आने वाले ऐसे सभी बच्चों, जिनके माता/पिता अथवा दोनों की कोविड-19 महामारी के संक्रमण/प्रभाव से मृत्यु हो गयी है तथा इन बच्चों के कोई करीबी अभिभावक न हो अथवा होने के बाद भी वह उसे अपनाना न चाहे या अपनाने में सक्षम न हो, के भरण पोषण, शिक्षा, चिकित्सा आदि की व्यवस्था हेतु आर्थिक सहायक प्रदान किये जाने के लिए उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बालसेवा योजना संचालित किया गया है।

जिलाधिकारी राजेश कुमार ने कहा कि योजना का मूल उद्देश्य महामारी में अनाथ हुए बच्चों की सारी जरूरतें पूरी करना है। इनके भरण पोषण, शिक्षा, चिकित्सा आदि की पूरी व्यवस्था सरकारी खर्च पर की जाएगी। उन्होने बताया कि इस योजना में 18 साल तक के ऐसे बच्चे शामिल किए जाएंगे, जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु कोरोना से हो गयी हो या फिर माता पिता में से एक की मृत्यु एक मार्च 2020 से पहले हो गई हो और दूसरे की मृत्यु कोविड काल में हो गई हो या फिर माता-पिता दोनों की मौत एक मार्च 2020 से पहले हो गई थी और वैध संरक्षक की मृत्यु इस महामारी से हो गई हो।

इसके अलावा शून्य से 18 साल के ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता में से किसी एक की मृत्यु कोरोना काल में हो गई हो और वह परिवार का खर्च चलाने वाला रहा हो। साथ ही वर्तमान में जीवित माता या पिता सहित परिवार की आय दो लाख रुपये प्रतिवर्ष से अधिक न हो, को भी योजना में शामिल किया गया है। लाभार्थी अनिवार्य रूप से उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए। जिलाधिकारी ने बताया कि कोराना से मृत्यु के साक्ष्य के लिए एंटीजन या आरटी-पीसीआर की पाजिटिव टेस्ट रिपार्ट, ब्लट रिपार्ट या सीटी स्कैन में काविड-19 का इंफेक्शन होना माना जा सकता है।

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