Sunday, May 19, 2024
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खातेधारकों के खाते से बिना बताए पैसे काट लेता है बैंक

सरकार से की जांच की मांग
जनसागर टुडे संवाददाता
गाजियाबाद ।  एक बैंक पर अपने ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए ,
बैंक के खाताधारक, समाजसेवी व आरटीआई कार्यकर्ता विक्रांत पंडित ने सरकार से बैंक पर
कार्रवाई की मांग की है।
पीड़ित ने यह आरोप शिवालिक मकेर्टाइल कॉपरेटिव बैंक पर लगाया है। विक्रांत पंडित का कहना है कि बैंक की दो शाखाएं गाजियाबाद में हैं।
जबकि मुख्यालय सहारनपुर व नोएडा में है। बैंक की एक शाखा भाटिया मोड जबकि दूसरी इंदिरापुरम में है। बैंक में बड़े पैमाने पर ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी हो रही है। जिसकी जांच की जानी बेहद जरूरी है। अगर जांच एंजेसी इस मामले में पड़ताल करती हैं
तो बड़े घोटाले का पदार्फाश हो जाएगा। बैंक पर परिवार का कब्जा पीड़ित ने बताया कि बैंक की स्थापना 1997-98 में हुई थी।शुरूआत से एक परिवार का बैंक पर कब्जा है। बैंक में शुरूआत से ही यशवीर गुप्ता चेयरमैन हैं। उनका बेटा सुवीर गुप्ता एमडी व सीईओ है। देश के पूर्व वित्त सचिव दिनेश कुमार मित्तल और यशवीर गुप्ता सगे भाई हैं। दिनेश मित्तल के दोनों बेटे हर्ष मित्तल व गौरव मित्तल महाप्रबंधक हैं।
बैंक के निदेशक डॉ संजीव मित्तल हैं जो दिनेश मित्तल के ही भाई हैं। बैंक पर अनगिनत मुकदमें न्यायालय में विचाराधीन हैं। इसके बाद भी बैंक बेरोकटोक तरीके से चल रहा है। बड़े घोटाले के दिए संकेत विक्रांत पंडित ने बैंक में खाताधारकों के साथ बड़े घोटाला किए जाने के संकेत दिए। उन्होंने बताया कि अकेले उनके साथ ही बैंक लांखो रुपये का फजीर्वाडा कर चुका है।
एक बार लिखित माफी व दूसरी बार लिखित माफी के साथ लगभग 50 हजार रुपये जो बिना वजह मेरे बचत खाते से मुझे बताए बिन निकाले। वो बचत खाते में वापस ना कर लोन अकाउंट यानी मूलधन में कम कर दिए।
कुछ समय उपरांत फिर से लगभग 40 हजार रुपए का फजीर्वाडा उनके लोन में बचत खाते में कर दिया। कानूनी नोटिस भेजने पर उनपर हमला भी हुआ। उन्हें जान से मारने व प्रापर्टी हड़पने की धमकी दी गई।

न्यायालय ने इस मामले में बैंक के खिलाफ समन भी जारी किया। लेकिन बैंक अधिकारियों पर कोई फर्क नहीं पड़ा। उनका शोषण जारी है। कोई किस्त बकाया ना
होने के बावजूद भी बैंक द्वारा पिछले साल अपने सिस्टम को बदलने की आड़ में 18711 रुपये उनपर बकाया दिखा। जबरन उनके बचत खाते से निकाल लिए गए। क्योंकि लोन भी यही बैंक देता है और खाता भी इसी बैंक में खुलवाना पड़ता है। जिससे ये बैंक कभी भी जितनी चाहे रकम आपके खाते से काट लेता है।

आवाज उठाने पर बैंक ने लाद दिए मुकद्दमें पीडित ने बताया कि बैंक पर मेरे द्वारा आवाज उठाने के बाद नोएडा गाजियाबाद मेरठ में कई मुकदमें न्यायालय में डाले गए व मध्यप्रदेश के धार जनपद उज्जैन खरगौन इंदौर तक मामले चल रहे हैं।

पूर्व वित्त सचिव दिनेश कुमार मित्तल जो इस बैंक को पर्दे के पीछे से चलाते हैं। लगातार आमजन का गला काटने के बाद ग्रामीण महिलाओं को 24% तक लोन देते हैं।

एक गैर सरकारी संगठन जनहित फाउंडेशन लखनऊ जिसके कर्ताधर्ता दिनेश कुमार मित्तल बताएं जाते हैं वह भी शिवालिक बैंक का पार्टनर रहा है। मेरठ में सैंकड़ों महिलाओ ने जिलाधिकारी कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन कर इन लोगों पर कार्यवाही करने की मांग की थी। कुछ लोगों का तो यहां तक कहना है

कि लॉकडाउन के समय कुछ लोगों के खाते में बैंक द्वारा धन डाला गया व स्वयं ही किस्त चालू कर दी गई। उन्होंने सरकार से अपील की कि बैंक पर कार्रवाई की जाए ताकि लोगों को राहत मिल सके।

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