Monday, May 6, 2024
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अच्छी खबर…निवेशकों के लिए टॉप-3 डेस्टिनेशन में भारत, अगले साल चीन को पीछे छोड़ेगा

कोरोना महामारी के कारण भारत की इकॉनमी (Indian Economy) पर बहुत बुरा असर हुआ है। हालांकि अब यह तेजी से रिकवर (Recover) कर रही है। इस बीच एक रिपोर्ट आई है जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में भारत में बड़े पैमाने पर निवेश होगा और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी। मल्टी नैशनल कंपनियों के एक सर्वे में भारत अगले दो-तीन साल में निवेश के लिए शीर्ष तीन पसंदीदा जगहों में से एक बन कर उभरा है।

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2025 तक मैन्युफैक्चरिंग सेंटर बन जाएगा भारत
सर्वे में शामिल दो तिहाई कंपनियों ने भविष्य में अपना निवेश भारत में करने की इच्छा जताई है। भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने परामर्श कंपनी ईवाई (consulting company Ernst and Young) के साथ मिलकर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) सर्वे किया था। इसकी रिपोर्ट मंगलवार को जारी की गई। रिपोर्ट के मुताबिक सर्वे में शामिल 50 प्रतिशत कंपनियों ने 2025 तक भारत को दुनिया का प्रमुख विनिर्माण केंद्र (Manufacturing center)या तीन शीर्ष अर्थव्यवस्था में से एक बन जाने वाला माना।

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राजनीतिक स्थिरता एक बड़ी वजह
वहीं भारत से बाहर मुख्यालय वाली 25 प्रतिशत मल्टी नैशनल कंपनियों ने अपने भविष्य के निवेश के लिए भारत को पहली पसंद बताया। कंपनियों ने भारत का चुनाव बाजार की क्षमता, कुशल कार्यबल की उपलब्धता और राजनीतिक स्थिरता के बिंदुओं पर किया। इसके अलावा नीतिगत सुधार, सस्ता श्रम और कच्चे माल की उपलब्धता उनके निवेश को आकर्षित करने वाले अन्य कारक हैं। सर्वे के आधार पर सीआईआई ने कहा कि हाल में देश में कारोबार सुगमता, कॉर्पोरेट कर में कटौती, श्रम कानूनों का सरलीकरण, एफडीआई सुधार जैसे कई नीतिगत बदलाव हुए हैं। यह नए निवेश को लाने वाले प्रमुख कारक हैं।

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चीन के विकल्प की तलाश में निवेशक
कोरोना वायरस के आने के बाद से चीन सवालों के घेरे में है। पूरी दुनिया के निवेशक और कंपनियां चीन के विकल्प की तलाश में हैं और उनकी नजर भारत पर है। हाल ही में संसद से तीन लेबर कोड को पास किया गया है। यह उसी दिशा में उठाया गया बड़ा कदम है। इसके अलावा पीएम मोदी लगातार निवेशकों के लिए हर सेक्टर में नियम आसान करने पर फोकस कर रहे हैं।

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भारत को स्मार्टफोन हब बनाने की तैयारी
भारत को स्मार्टफोन एक्सपोर्ट हब बनाने के लिए मोदी सरकार ने पिछले दिोनं प्रॉडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम की शुरुआत की है। इस स्कीम का बजट 41 हजार करोड़ है और सरकार का मकसद इसके जरिए दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियों को भारत में निवेश के लिए आकर्षित करना है। माना जा रहा है कि इसका फायदा उठाने वाली कंपनियां अगले पांच सालों में 11.5 लाख करोड़ का मोबाइल फोन और कंपोनेंट तैयार करेंगी। इनमें से 7 लाख करोड़ का प्रॉडक्ट निर्यात किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ये कंपनियां 3 लाख डायरेक्ट और करीब 9 लाख इनडायरेक्ट जॉब्स भी पैदा करेंगी।

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अगले साल चीन को पीछे छोड़ देगा भारत
मंगलवार को IMF ने एक रिपोर्ट जारी की है। उस रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में भारत का ग्रोथ रेट चीन से ज्यादा होगा। आईएमएफ ने कहा है कि 2021 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 8.8 प्रतिशत की जोरदार बढ़त दर्ज की जायेगी और वह चीन को पीछे छोड़ते हुये तेजी से बढ़ने वाली उभरती अर्थव्यवस्था का दर्जा फिर से हासिल कर लेगी। चीन के 2021 में 8.2 प्रतिशत वृद्धि हासिल करने का अनुमान है।

 

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