बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए राजनीतिक दलों को आकाशवाणी और दूरदर्शन पर अपना प्रचार करने के लिए इस बार दोगुना समय दिया जाएगा. निर्वाचन आयोग ने इसके लिए समय सीमा तय कर दी है. आयोग ने सभी राष्ट्रीय और मान्यता प्राप्त दलों को डेढ़ घंटे का वक्त दिया है. ऐसी 12 पार्टियां अभी राज्य के चुनावी मैदान में हैं. इन पार्टियों को पिछले विधानसभा चुनाव में उनके प्रदर्शन के मुताबिक अतिरिक्त समय दिया जा सकता है. एक सत्र में इनको अधिकतम आधा घंटा मिलेगा.
आयोग के मुताबिक नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि से चुनाव प्रचार खत्म होने तक पार्टियों के प्रतिनिधि आकाशवाणी और दूरदर्शन के स्थानीय चैनलों के जरिए अपनी बात प्रसारित करा सकेंगे. हालांकि प्रसारण से पहले उनको अपनी स्क्रिप्ट आयोग से मंजूर करानी होगी.
पार्टियां चाहें तो आकाशवाणी और दूरदर्शन केंद्र में जाकर स्क्रिप्ट रिकॉर्ड करा सकते हैं या फिर अपने खर्चे पर किसी निजी स्टूडियो में प्रसार भारती के स्तर और गुणवत्ता के मुताबिक मंजूरशुदा स्क्रिप्ट की रिकॉर्डिंग करवाकर भेज सकते हैं. इसके लिए आयोग ने कुछ नियम और शर्तें भी तय की हैं.
नियमों के मुताबिक चुनाव प्रचार में किसी देश की आलोचना नहीं की जाएगी. जाति और धर्म के आधार पर भी कोई अपील या आलोचना नहीं की जा सकेगी. आपत्तिजनक या किसी के अपमान से जुड़ी बातें नहीं बोली जाएंगी. कोई ऐसी बात जिससे हिंसा या भावनाएं भड़के उसको लेकर भी चुनाव आयोग काफी सख्त है. कोर्ट की अवमानना वाली बात भी नहीं बोलनी है. किसी भी हाल में राष्ट्रपति और न्यायपालिका की गरिमा को धूमिल करने की कोशिश नहीं करनी है.
निर्देश में यह भी कहा गया है कि देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता के साथ सौहार्द को नुकसान पहुंचाने वाली बात नहीं करनी है. किसी की व्यक्तिगत आलोचना या उसकी अवमानना कि बात नहीं करनी है. वहीं आकाशवाणी और दूरदर्शन पर पार्टियों के लिए समय भी निर्धारित की गई है. जिसके मुताबिक बीजेपी को सबसे ज़्यादा समय 427 मिनट दिया गया है. जबकि RJD को 343 मिनट, JDU को 323 मिनट, कांग्रेस को 182 मिनट, LJSP को 157 मिनट, RLSP को 125 और BSP को 119 मिनट दिए गए हैं.
इस बार कोविड को देखते हुए आकाशवाणी और दूरदर्शन पर ग्रुप डिस्कशन भी कराया जाएगा. बता दें, इस बार बिहार विधान सभा चुनाव में बीजेपी, जेडीयू, कांग्रेस, आरजेडी, लोक जनशक्ति पार्टी, रालोसपा, बीएसपी, तृणमूल कांग्रेस, भाकपा, माकपा, एनसीपी, एनपीपी यानी 12पार्टियां ताल ठोक रही हैं.