Tuesday, May 7, 2024
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सिटी फॉरेस्ट के पास डीलरों द्वारा बसाई जा रही अवैध कॉलोनी पर खामोश क्यों है प्राधिकरण ?

जनसागर टुडे

गाजियाबाद- प्रवर्तन जॉन 8 के अंतर्गत आने वाले उन सभी जगहों पर जहां डीलरो द्वारा फ्लोटिंग करते हुए अवैध कालोनियां बताई जा रही है वहां प्राधिकरण अपना बुलडोजर चला रहा है जिससे कि वहां के गरीबों की मेहनत के गाड़ी कमाई उस अवैध जगह पर प्लॉट खरीद कर डूब ना जाए ! लोनी में ऐसी कई अवैध कालोनियों पर विकास प्राधिकरण ने अपना बुलडोजर चलाते हुए अपनी पीठ थपथपा ने का काम किया है लेकिन वही उसी जोन के अंतर्गत आने वाले सिटी फॉरेस्ट के पास कई दर्जन प्रॉपर्टी डीलर अवैध रूप से प्लॉटिंग करते हुए अवैध कालोनियां बना रहे हैं जिन पर प्राधिकरण इस तरह से मेहरबान है कि उन पर कार्रवाई करना तो दूर वहां जाना भी मुनासिब नहीं समझता ! ऐसे में इस बात का पूरा फायदा उठा कर वहां के कई प्रॉपर्टी डीलर जमीन और मकान का सपना दिखाकर गरीब मजदूरों की गाढ़ी कमाई को लूटने का काम कर रहे हैं और कई डीलरों द्वारा एलएमसी की जमीनों पर भी प्लॉटिंग करते हुए उन जमीनों को उन गरीब मजदूरों को बेच दिया गया है !विकास प्राधिकरण गाजियाबाद द्वारा सुंदरीकरण को बनाए रखने के लिए बड़े सिटी फॉरेस्ट का निर्माण हिंडन  नदी के तट पर स्थित ग्राम करेहड़ा के पास कराया गया जिससे कि गाजियाबाद का नाम स्वच्छता एवं सुंदरीकरण को लेकर सबसे आगे रहे ! लेकिन सिटी फॉरेस्ट बनते ही वहां के आसपास के लोगों ने अपने खेती वाली जमीनों को प्लॉटिंग के रूप में तब्दील करते हुए वहां कालोनियां बनानी शुरु कर दी जो आज भी लगातार जारी है ! अवैध कॉलोनियों को बनाने में वहां के डीलरों द्वारा प्रवर्तन जोन 8 के अंतर्गत आने वाले प्राधिकरण के कुछ कर्मचारियों को भी अपने साथ मिला लिया गया जिससे कि आगे चलकर उन्हें प्लॉट काटने में कोई दिक्कत ना हो ! प्राधिकरण के इन कर्मचारियों द्वारा प्लॉटिंग करने वाले उन डीलरों से सुविधा शुल्क के रूप में मोटी रकम लेकर वहां से अपनी नजरें हटा ली गई और उन्हें पूरी तरह से खुली छूट दे दी गई ! यदि लोगों की माने तो प्राधिकरण के इन कर्मचारियों के जरिए डीलरों से वसूला गया पैसा प्राधिकरण के बड़े अधिकारियों के पास भी जाता है जिसके कारण उन्होंने आज तक यहां पर कोई कार्यवाही करना भी मुनासिब नहीं समझा है ! प्राधिकरण द्वारा यदि कार्रवाई की भी गई है उन जगहों पर की थी जहां पर डीलरों द्वारा की जा रही प्लॉटिंग का कार्य पूरा हो चुका और वहां पर गरीब मजदूर व्यक्ति अपना आशियाना बना रहे होते हैं ऐसे में प्राधिकरण का बुलडोजर वहां पहुंचकर उन गरीबों के आशियाने पर अपना बुलडोजर चलाते हुए हमेशा की तरह अपनी पीठ थपथपाते हुए एक बड़ी कार्यवाही को दर्शाने का काम करता है ! यदि गरीबों के प्लॉटों की अपेक्षा उन डीलरों के ऊपर प्राधिकरण कार्यवाही करें तो शायद गरीबों के साथ ठगी होने का काम काफी हद तक कम हो जाए लेकिन  डीलरों को  यह पता है कि “जब सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का,, तो भला  अवैध निर्माण कैसे रोका जा सकता है ! प्राधिकरण द्वारा दी गई इसी खुली छूट के कारण वहां के डीलर खेती की जमीन के साथ-साथ आसपास की एलएमसी की जमीनों को भी उसी जमीन के साथ मिलाकर गरीबों को बेच देते  है ! सिटी फॉरेस्ट के सौंदर्यीकरण को बर्बाद कर रही अवैध कॉलोनियों की बढ़ती हुई संख्या प्राधिकरण के अधिकारियों पर सवालिया निशान लगाने का काम कर रही है !

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