Wednesday, May 15, 2024
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आर० ओ० वाटर प्लांट के लिए भूगर्भ जल विभाग की एन. ओ. सी. एवं पंजीकरण हुआ अनिवार्य

जनसागर टुडे
गाजियाबाद-
 वाणिज्यिक श्रेणी में आने वाले विद्यमान या प्रस्तावित कूप/बोरिंग के लिए उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल (प्रबंधन एवं विनियमन) अधिनियम 2019 वाणिज्यिक श्रेणी में आने वाले विद्यमान या प्रस्तावित कूप/बोरिंग के लिए उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल (प्रबंधन एवं विनियमन) अधिनियम 2019 उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल (प्रबंधन एवं विनियमन) अधिनियम 2019 का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में भूजल संसाधनों की सुरक्षा, संरक्षण, प्रबंधन एवं नियम इस प्रकार किया जाये कि भूजल कि उपलब्धता समान रूप से निरंतर बनी रहे और जन मानस को गुणवत्तापारक जलापूर्ति सुनिश्चित हो सके। कोई विद्यमान या प्रस्तावित वाणिज्यिक/औद्योगिक/अवसंरचनात्मक/सामूहिक उपयोक्ता जिसने भूगर्भ जल निकालने या उसका उपयोग करने के लिए कोई कूप/बोरिंग खोदी है।आर०ओ० वाटर प्लांट वाणिज्यिक श्रेणी में आने के कारण इनको भी विद्यमान या प्रस्तावित कूप/बोरिंग के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र एवं पंजीकरण हेतु आवेदन अनिवार्य है।गैर–अधिसूचित (non-notified ) क्षेत्र में कूप/बोरिंग के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र एवं पंजीकरण हेतु शर्तें निम्नलिखित हैं। इन क्षेत्रों में कोई विद्यमान या प्रस्तावित कूप/बोरिंग को अनापत्ति प्रमाण पत्र एवं पंजीकरण हेतु वेबसाइटwww.upgwdonline.in पर जाकर ‘For Commercial/Industrial/Infrastructural/Bulk User’ श्रेणी में आवेदन करना होगा। फ्लोमीटर (भूगर्भ जल निकालने की मात्रा जाँच करने का उपकरण) एवं रूफ टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा होना चाहिए। यदि भूगर्भ जल का उपयोग प्रतिदिन १० घन मीटर से अधिक है तो एक पीजोमीटर भी लगा होना चाहिए। आर०ओ० वेस्ट वाटर का प्रयोग सही तरह से होना चाहिए।
गैर–अधिसूचित (non-notified) क्षेत्र: उत्तरप्रदेश का जिला गाजियाबाद भी है।
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