Wednesday, May 15, 2024
No menu items!
spot_img
spot_img
होमराज्यउत्तर प्रदेशहिंदी सिनेमा को उसकी हिंदी भाषा वाले प्रदेश में लौटना ही होगा,क्योंकि...

हिंदी सिनेमा को उसकी हिंदी भाषा वाले प्रदेश में लौटना ही होगा,क्योंकि हर सिनेमा अपनी भाषा से जुड़ा होता-अरविंद चित्रांश

जनसागर टुडे
आजमगढ़ – अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी संगम भारत की तरफ से उत्तर प्रदेश में सैकड़ों सिनेमा जगत के लोगों को जोड़ते हुए फिल्म सिटी निर्माण के लिए पूर्वांचल की धरती आजमगढ़ से जोरदार पहल करने वाले ए.आर. इंटरटेनमेंट के फिल्म और इवेंट डायरेक्टर अरविंद चित्रांश(फिल्म अभिनेता) ने कहा कि हमारी ही गलती है हम मुंह उठाकर धक्के खाते हुए महाराष्ट्र पहुंच जाते हैं हिंदी और भोजपुरी सिनेमा बनाने,हमें समझना होगा कि कोई भी सिनेमा अपनी भाषा से जुड़ा होता है ! अब देखिए दक्षिण भारत,साउथ की फिल्में कन्नड़,मलयालम,तमिल,तेलुगु कहां बनती है अपने अपने भाषाई क्षेत्र आंध्र प्रदेश,कर्नाटक,केरल और तमिलनाडु में,और हम उत्तर प्रदेश,बिहार,छत्तीसगढ़,झारखंड,दिल्ली,हरियाणा आदि प्रदेशों से मजबूरी और अभाव में अपनी बोरिया बिस्तर बांधकर,धक्के खाते हुए फिल्म और टीवी के कलाकार,निर्माता-निर्देशक हिंदी सिनेमा बनाने महाराष्ट्र में चले जाते हैं,वहां दर दर की ठोकर खाते हुए अपना सब कुछ न्यौछावर करने के बाद भी बाहरी आउटसाइडर कहलाते हैं,हिंदी प्रदेश वाले ही महाराष्ट्र में जाकर हिंदी सिनेमा को ऊंचाई के साथ मजबूती प्रदान करते है !अब वक्त आ गया है कि हिन्दी प्रदेश में हिंदी सिनेमा बनाना,वह तब संभव है,जब उत्तर प्रदेश में फिल्मसिटी,स्टूडियो,एडिटिंग,मिक्सिंग,कलरिंग,सेंसर बोर्ड आदि बड़े पैमाने पर बनाया जाए,नहीं तो कितना भी जोर लगा लीजिए,बयान बाजी होती रहेगी, टी.वी. डिबेट होता रहेगा लेकिन कुछ भी नहीं होगा,ऐसे ही कुछ फिल्म और टीवी के कलाकार और निर्माता-निर्देशक घटना दुर्घटना के शिकार होते रहेंगे !

- Advertisement -spot_img

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

- Advertisment -spot_img

NCR News

Most Popular

- Advertisment -spot_img