Wednesday, April 24, 2024
No menu items!
spot_img
spot_img
होमNCRनोएडामतदान के दौरान भाजपा के छुटभैया नेता गोपाल गौड़ ने खोया आपा

मतदान के दौरान भाजपा के छुटभैया नेता गोपाल गौड़ ने खोया आपा

जन सागर टुडे संवाददाता : धीरेन्द्र अवाना

नोएडा।  प्रदेश में चुनाव के पहले चरण में गौतमबुद्ध नगर की तीन सीटों पर मतदान हुआ।सुबह सात से शाम छह बजे तक हुए मतदान में सुबह गति धीमी रही लेकिन दोपहर के दो घंटे इसने रफ्तार पकड़ी। मतदान को लेकर प्रशासन ने पूरी तैयारी कर रखी थी। चप्पे-चप्पे पर पुलिस की निगाह थी और मतदाताओं की सुविधा के लिए प्रशासन ने कुछ इंतजाम पहले से कर रखे थे।
शाम छः बजे तक मतदान प्रतिशत की बात करें तो नोएडा का 50.10, दादरी में 59.78 और जेवर में कुल 66.60 फीसद तक प्रतिशत मतदान हुआ है।शहर के कई मतदान केंद्रों में भारी अव्यवस्था दिखी। पोलिंग एजेंट मतदान केंद्रों के अंदर तक प्रवेश करते दिखाई दिए।दिव्यांग के लिए कोई खास व्यवस्था ना होने के कारण दिव्यांग वोटर को काफी परेशानी हुई।वही कई जगहों पर भी व्हील चेयर भी दिखाई नहीं दी।वही मतदान में समाजवादी पार्टी के पक्ष में माहौल। बनते देख कुछ भाजपा नेताओं ने अपना आपा तक खो कर शांतिपूर्ण चले रहे विधानसभा चुनाव में विध्न उत्पन्न करने की कौशिश की।अब इसको सत्ता का नशा कहे या कुछ और।लेकिन चुनाव आयोग की टीम की तत्परता के कारण ऐसे मामलों पर लगाम लगायी जा सकी। पहला मामला नोएडा के सैक्टर-15 स्थित नयाबांस गांव का है जहा सत्ता के नशे में चूर भाजपा नेत्री ने मतदान कैंद्र में घुसने का प्रयास किया गया।

लेकिन वहा मौजूद पुलिसकर्मीयों ने उन्हें जाने नही दिया।मामला इतना गरमा गया था कि वहा मौजूद एक महिला पुलिसकर्मी ने भाजपा नेत्री को विवादित इंसान तक कह डाला।जैसे तैसे भाजपा कार्यकर्ताओं ने मामले को शांत कराया।वही दूसरी मामला नोएडा के सैक्टर-22 स्थित चौड़ा गांव का है जहा एक व्यक्ति द्वारा विकास कार्यों को लेकर हो रही चर्चा में समाजवादी पार्टी की तारीफ और भाजपा को आड़े हाथ लिया।जिससे तिलमिलाये भाजपा के छुटभैया नेता गोपाल गौड़ ने अपना गुस्सा मीड़िया पर निकाल कर उनके लिए अपशब्दों का प्रयोग किया।लेकिन छुटभैया नेता यह ज्ञात नही था कि वहा मौजूद पत्रकारों को यह बात नागवार लगेगी।मौके पर मौजूद पत्रकारों ने छुटभैया नेता को खुब खरी खोटी सुनाई।मामला को बढ़ता देखकर पुलिस ने किसी तरह मामले को शांत कराया।ये मामले उस अनुशासित पार्टी के कार्यकर्ताओं के हैं, जो कि शालीनता और अनुशासन के मायने में अपने से ऊपर किसी को नहीं मानती है।

- Advertisement -spot_img

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

- Advertisment -spot_img

NCR News

Most Popular

- Advertisment -spot_img