Friday, April 19, 2024
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सोना हुआ 5500 रुपये सस्ता, चांदी की कीमतों में 16 हजार रुपये की गिरावट!

फेस्टिव सीजन शुरू हो चुका है, लेकिन सोने-चांदी (Gold Silver Price) में कोई शानदार तेजी नहीं दिख रही है। पिछले हफ्ते शुक्रवार को सोना 50,653 रुपये प्रति 10 ग्राम (Gold Price Today) के स्तर पर बंद हुआ। वहीं चांदी भी 61,512 रुपये प्रति किलो (Silver Price Today) के स्तर पर बंद हुई। पिछले पूरे हफ्ते सोने-चांदी की कीमतों में तगड़ा उतार चढ़ाव देखा गया। सोना अपने ऑल टाइम हाई से करीब 5500 रुपये प्रति 10 ग्राम सस्ता (Gold price fall) हो चुका है और चांदी की कीमत करीब 16000 रुपये प्रति किलो तक गिर (Silver Price Fall) चुकी है।
देखिए कितना गिरे सोना चांदी

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7 अगस्त 2020, ये वो दिन था जब सोने-चांदी ने एक नया रेकॉर्ड बनाया। सोने और चांदी दोनों ने ही अपना ऑल टाइम हाई छुआ। 7 अगस्त को सोने ने 56,200 रुपये प्रति 10 ग्राम का ऑल टाइम हाई का स्तर छुआ था, जबकि चांदी ने 77,840 रुपये प्रति किलो का स्तर छुआ था। सोना अब तक 5547 रुपये प्रति ग्राम गिरा है, जबकी चांदी 15,844 रुपये प्रति किलो तक गिर चुकी है।

पिछले हफ्ते वायदा बाजार में सोना
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कमजोर हाजिर मांग के कारण कारोबारियों ने अपने जमा सौदों की कटान की जिससे वायदा बाजार में शुक्रवार को सोने का भाव 0.09 प्रतिशत की गिरावट के साथ 50,665 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में दिसंबर का सोना वायदा भाव 47 रुपये यानी 0.09 प्रतिशत घटकर 50,665 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। इस अनुबंध में 14,585 लॉट के लिये कारोबार किया गया। हालांकि, न्यूयार्क में सोना 0.10 प्रतिशत बढ़कर 1,910.90 डालर प्रति औंस हो गया।

पिछले हफ्ते वायदा बाजार में चांदी
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हाजिर बाजार में मजबूत मांग के बीच स्थानीय वायदा बाजार में शुक्रवार को कारोबारियों के सौदा बढ़ाये जाने से चांदी की कीमत 461 रुपये की तेजी के साथ 61,996 रुपये प्रति किलो हो गयी। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में दिसंबर अनुबंध के लिये चांदी का भाव 461 रुपये यानी 0.75 प्रतिशत की गिरावट के साथ 61,996 रुपये प्रति किलो हो गया। इसमें 15,581 लॉट के लिये कारोबार हुआ। बाजार विश्लेषकों ने कहा कि चांदी वाायदा कीमतों में तेजी का प्रमुख कारण घरेलू बाजार में मांग की वजह से कारोबारियों द्वारा ताजा सौदों की लिवाली करना था। न्यूयार्क में चांदी की कीमत 0.71 प्रतिशत की तेजी के साथ 24.40 डालर प्रति औंस रही।

पिछले हफ्ते सर्राफा बाजार में सोना-चांदी
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सोने की कीमतों में पिछले तीन सत्रों से चली आ रही गिरावट शुक्रवार को थम गयी। वैश्विक बाजाारों में मजबूती के रुख के बीच दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना 324 रुपये की तेजी दर्शाता 51,704 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी है। इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 51,380 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। चांदी की कीमत भी 1,598 रुपये की मजबूती के साथ 62,972 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई। पिछले दिन बंद भाव 61,374 रुपये था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना लाभ दर्शाता 1,910 डॉलर प्रति औंस हो गया जबकि चांदी 24.35 डॉलर प्रति औंस पर लगभग अपरिवर्तित रहा। एचडीएफसी सिक्योरिटीज वरिष्ठ विश्लेषक (कमोडिटी) तपन पटेल ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच यूरोप में ताजा लॉकडाउन लागू किये जाने की आशंका की वजह से मौजूदा बाजार अनिश्चितताओं के कारण सोने की कीमतों में तेजी आई।’’

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क्या सोना कोरोना काल से पहले की स्थिति में लौट आएगा?
कोरोना वायरस की वजह से शेयर बाजार में एक तगड़ी गिरावट देखने को मिली थी। समय बीतने के साथ-साथ शेयर बाजार उस तगड़ी गिरावट से लगातार उबर रहा है। दुनिया भर के अधिकतर शेयर बाजार कोरोना की वजह से आई गिरावट से मजबूती से लडते हुए रिकवर कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सोना (today gold price) अपना ऑल टाइम हाई छू कर वापस आ चुका है। आए दिन सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। अब सवाल ये उठता है कि क्या सोना भी कोरोना काल से पहले वाली स्थिति में लौट आएगा, क्योंकि ये ट्रेंड देखा गया है कि शेयर बाजार मजबूत होता है तो सोना कमजोर होता है और इसका उल्टा भी होता है। तो क्या सोना अभी और सस्ता होगा, क्योंकि जनवरी में सेंसेक्स 41 हजार के करीब था, तब सोने की कीमत भी 41 हजार के करीब थी।

सोने-चांदी में आई है कितनी गिरावट?

पिछले महीने 7 अगस्त को सोने ने वायदा बाजार में अपना उच्चतम स्तर यानी ऑल टाइम हाई छुआ था और प्रति 10 ग्राम की कीमत 56,200 रुपये हो गई थी। वहीं आज सोना 50,395 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया है। यानी तब से लेकर अब तक सोने में करीब 6000 रुपये की गिरावट आ चुकी है। सोने में आई इस गिरावट को निवेशक शेयर बाजार की तेजी के साथ भी जोड़कर देख रहे हैं।

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एक्सपर्ट्स की मानें तो जारी रहेगा उतार-चढ़ाव

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंसियल सविर्सिज के जिंस शोध के उपाध्यक्ष नवनीत दमानी कहते हैं कि सोना ऊंचाई से गिरकर 50 हजार रुपये के दायरे में आया है, जबकि चांदी 60 हजार रुपये के दायरे में आ चुकी है। उनका मानना है कि आने वाले दिनों में भी उतार चढ़ाव जारी रह सकता है। केडिया कैपिटल के डायरेक्टर अजय केडिया मानते हैं कि स्टिमुलस पैकेज ने शेयर बाजारों के लिए स्टेरॉयड का काम किया। इसी की वजह से शेयर बाजार में तेजी आई है, लेकिन इसे नेचुरल नहीं कहा जा सकता।

सोना सस्ता होगा या महंगा?
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सोने में गिरावट की एक बड़ी वजह है पिछले 2 महीनों में रुपये में आई मजबूती। अभी रुपये 73-74 रुपये प्रति डॉलर तक मजबूत हो चुका है, जो कुछ महीने पहले 76-77 रुपये प्रति डॉलर तक कमजोर हो गया था। अगर फिर से डॉलर मजबूत होता है तो सोने में लॉन्ग टर्म में फिर से मजबूती देखने को मिलेगी और डॉलर का फिर से मजबूत होना लगभग तय ही है। यानी सोना अगले साल तक 60-70 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है।

एक नजर सोने और सेंसेक्स की तुलना पर

24 फरवरी 2020 को सोना 41 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर था जबकि सेंसेक्स 40,363 के स्तर पर था। 15 मई तक सोना 47 हजार से भी ऊपर पहुंच गया, जबकि सेंसेक्स गिरकर 27,500 के करीब आ गया। कोरोना काल के दौरान 7 अगस्त को सोने ने 56,254 रुपये प्रति 10 ग्राम का ऑल टाइ हाई छू लिया, जबकि सेंसेक्स भी काफी रिकवर होकर 37,600 के स्तर पर पहुंच गया। 30 सितंबर तक सोना गिरकर 50,400 के करीब पहुंच गया है, जबकि सेंसेक्स अभी भी 38 हजार के दायरे में है।

इस बार फेस्टिव सीजन में भी कम रहेगी मांग

अक्टूबर-नवंबर के दौरान अमूमन सोने की मांग काफी बढ़ जाती है। इसकी वजह है फेस्टिव सीजन का आना। दिवाली के करीब सोना हमेशा चमकता है, लेकिन कोरोना की वजह से इस बार लोगों को आर्थिक तंगी झेलनी पड़ रही है, जिसका सीधा असर सोने की मांग पर पड़ा है। मुंबई के एक गोल्ड डीलर का कहना है कि इस बार फेस्टिव सीजन के दौरान भी मांग कम ही रहने का अनुमान है, क्योंकि कीमतें काफी बढ़ चुकी हैं।

कोरोना काल में सोना बना वरदान
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सोना गहरे संकट में काम आने वाली संपत्ति है, मौजूदा कठिन वैश्विक परिस्थितियों में यह धारणा एक बार फिर सही साबित हो रही है। कोविड-19 महामारी और भू-राजनीतिक संकट के बीच सोना एक बार फिर रिकॉर्ड बना रहा है और अन्य संपत्तियों की तुलना में निवेशकों के लिए निवेश का बेहतर विकल्प साबित हुआ है। विश्लेषकों का मानना है कि उतार-चढ़ाव के बीच सोना अभी कम से कम एक-डेढ़ साल तक ऊंचे स्तर पर बना रहेगा। दिल्ली बुलियन एंड ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष विमल गोयल का मानना है कि कम एक साल तक सोना उच्चस्तर पर रही रहेगा। वह कहते हैं कि संकट के इस समय सोना निवेशकों के लिए ‘वरदान’ है। गोयल मानते हैं कि दिवाली के आसपास सोने में 10 से 15 प्रतिशत तक का उछाल आ सकता है।

मुसीबत की घड़ी में हमेशा बढ़ी है सोने की चमक!

सोना हमेशा ही मुसीबत की घड़ी में खूब चमका है। 1979 में कई युद्ध हुए और उस साल सोना करीब 120 फीसदी उछला था। अभी हाल ही में 2014 में सीरिया पर अमेरिका का खतरा मंडरा रहा था तो भी सोने के दाम आसमान छूने लगे थे। हालांकि, बाद में यह अपने पुराने स्तर पर आ गया। जब ईरान से अमेरिका का तनाव बढ़ा या फिर जब चीन-अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर की स्थिति बनी, तब भी सोने की कीमत बढ़ी।

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