सदाबहार अभिनेत्री रेखा 10 अक्तूबर को अपना जन्मदिन मनाती हैं। उम्र के इस पड़ाव में भी रेखा अपनी खूबसूरती से आज की दौर की अभिनेत्रियों पर भारी पड़ती हैं। कांजीवरम साड़ी और भारी भरकम ज्वैलरी उनकी पहचान है। रेखा जब भी किसी इवेंट में पहुंचती हैं तो सारे कैमरे उन्हीं की तरफ मुड़ जाते हैं। उनका करियर भले ही सफलता की बुलंदियों तक पहुंचा हो लेकिन निजी जिंदगी काफी उथल पुथल भरी रही है। 1990 में रेखा ने बिजनेसमैन मुकेश अग्रवाल से शादी की थी। रेखा की बायोपिक द अनटोल्ड स्टोरी में उनके और मुकेश अग्रवाल के बारे में विस्तार से बताया गया है।
रेखा अक्सर अपनी दोस्त और फैशन डिजाइनर बीना रमानी से मिलने दिल्ली जाती रहती थीं। उस दौरान में रेखा अपने दोस्तों से अक्सर बात करती थीं कि वो अपनी जिंदगी में अब सेटल होना चाहती हैं। वो एक ऐसे शख्स की तलाश में थीं जो उनसे प्यार करे और अपना सरनेम उन्हें दे। बीना रमानी ने ही रेखा से मुकेश अग्रवाल की मुलाकात करवाई और रेखा को मुकेश का नंबर दिया। हालांकि रेखा ने अपना नंबर देने से मना कर दिया। उस दौरान लैंडलाइन फोन ही होते थे। रेखा मुकेश को फोन नहीं करना चाहती थीं लेकिन बीना रमानी ने इसके लिए रेखा को मनाया और कहा कि उन्हें एक कदम आगे बढ़ना चाहिए।
पहली बार जब रेखा और मुकेश की बात हुई तो दोनों की सामान्य बातचीत ही रही। मुकेश को यकीन नहीं था कि एक सुपरस्टार उन्हें बुला सकती हैं। दोनों के बीच लगातार बात होती रही। कई फोन कॉल्स के बाद दोनों ने पहली बार मुंबई में मुलाकात की। मुकेश अग्रवाल की सादगी और ईमानदारी से रेखा बहुत प्रभावित हुईं। जबकि मुकेश पहले ही रेखा से प्यार करने लगे थे। जब भी वो मिलते, मुकेश तारीफों के पुल बांध देते।
मुकेश अग्रवाल और रेखा को मिलते हुए एक महीने हो चुके थे। एक दिन मुंबई में मुकेश ने रेखा को प्रपोज किया जिसे अभिनेत्री ने स्वीकार कर लिया। दोनों ने अचानक ही शादी का प्लान बना लिया। मार्च 1990 में जुहू स्थित एक मंदिर में उन्होंने शादी कर ली। एक महीने बाद उन्होंने तिरूपति मंदिर में शादी का कार्यक्रम रखा जहां रेखा की मां पुष्पावली और पिता जेमिनी गणेशन मौजूद थे।
सिनेमा जगत के सितारों और दोस्तों से मुलाकात के बाद मुकेश अग्रवाल और रेखा हनीमून के लिए लंदन रवाना हो गए। तभी एक हफ्ते बाद रेखा को मुकेश का एक अलग व्यक्तित्व देखने को मिला। मुकेश दिल्ली में रहते थे जबकि रेखा मुंबई में थीं। रेखा अक्सर दिल्ली जाती रहती थीं।
शादी के कुछ महीने बाद ही मुकेश अग्रवाल को उनके कई बिजनेस में नुकसान उठाना पड़ा। इस वजह से रेखा भी परेशान रहने लगी थीं। रेखा दिल्ली से मुंबई की यात्राएं करती थीं जो मुकेश को पसंद नहीं था। वो चाहते थे कि रेखा फिल्मों में काम करना बंद कर दे और कभी कभार ही मुंबई जाएं। बताया जाता है कि मुकेश डिप्रेशन के शिकार हो गए थे और बहुत सी दवाएं लेते थे जिसके बारे में रेखा को भी पता नहीं था। रेखा इस शादी से खुश नहीं थीं। यही नहीं दोनों के बीच फोन पर भी बातचीत बंद हो गई थी। शादी के छह महीने बाद ही रेखा ने तलाक की अर्जी दे दी। पहले बिजनेस, फिर शादीशुदा जिंदगी में परेशानी के चलते मुकेश का डिप्रेशन से निकलना मुश्किल हो रहा था। अक्तूबर 1990 में उन्होंने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली।