समय को लेकर कानपुर नगर निगम के आदेश के खिलाफ सफाई कर्मचारियों में रोष : एक की मौत
सुनील बाजपेई
कानपुर। यहां नगर निगम द्वारा हाल में ही सफाई कर्मचारियों को लेकर एक ऐसा फरमान जारी किया है, जो ना केवल गंदगी कायम रहे के संकल्प को पूरा करने वाला है ,बल्कि सफाई कर्मियों को उनकी जान लेने की हद तक प्रताड़ित करने वाला भी है। यहां तक कि इसकी शुरुआत भी संविदा पर नियुक्त एक सफाई पर्यवेक्षक लगभग 45 साल के संदीप कुमार की असमय मौत से हो चुकी है ,क्योंकि जारी किए गए इसी फरमान के आधार पर सुबह 5:00 बजे सफाई करने वाले समय को लेकर नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने उसे नौकरी से हटा देने की धमकी भी दी थी। जिसकी वजह से बहुत तनाव में तनाव में था। इसी के बाद अचानक उसकी हालत बिगड़ गई। जानकारी होने पर पार्षद दल के नेता नवीन पंडित ने उसे तत्काल ही हालत अस्पताल में भर्ती कराया ,जहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। जिसकी वजह हार्ट अटैक बताई गई है।
जहां तक सफाई पर्यवेक्षक संदीप कुमार की असमय मौत का कथित रूप से कारण बनने वाले आदेश का सवाल है। इस फरमान के मुताबिक जो भी सफाई कर्मी सुबह 5:00 बजे संबंधित वार्ड में सफाई करने नहीं जाएगा। उसे वापस कर दिया जाएगा।
अब यहीं पर सवाल उठता है कि अगर अधिकांश सफाई कर्मचारी सुबह पांच बजे नहीं पहुंचने पर वापस कर दिए गए तो इसका परिणाम क्या होगा ? इसका उत्तर है – संबंधित वार्डों में सफाई भी कदापि नहीं की जा सकेगी। जिसकी वजह से आम जनता के गुस्से का शिकार ना केवल संबंधित वार्डों के सभासदों को होना पड़ेगा बल्कि इससे भाजपा का वोट बैंक भी बुरी तरह से प्रभावित होगा। यही वजह है कि पार्षद दल के नेता नवीन पंडित ने इस फरमान को तत्काल वापस दिए जाने की मांग भी की है। पार्षद दल के नेता नवीन पंडित पंडित यह भी सवाल उठाते हैं कि जारी आदेश निर्देश के मुताबिक प्रातः 5:00 बजे से 7:00 बजे तक मुख्य मार्गो की साफ-सफाई, कूड़ा उठान का कार्य पूरा किए जाने के बाद भी अगर सुबह 7:30 या 8:00 बजे आवारा कुत्तों और गायों आदि ने जगह-जगह फिर गंदगी कर दी तो फिर उसे साफ करने कौन आएगा ?
समस्याओं के खिलाफ अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत से ही सफल जुझारू तेवरों वाले पार्षद दल के नेता नवीन पंडित ने कहा कि यही वजह है कि जारी किया गया फरमान किसी भी दृष्टिकोण से आम जनता के हित में नहीं है। साथ ही यह फरमान सफाई कर्मियों की कार्य क्षमता को भी प्रभावित करते हुए उनके मनोबल को भी गिरने वाला है।
पीड़ितों की तत्काल सहायता के लिए भी चर्चित वरिष्ठ भाजपा नेता नवीन पंडित ने बताया कि इस फरमान को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए ताकि सफाई कर्मचारी तनाव मुक्त होकर पूरे उत्साह के साथ शहर को स्वच्छ बनाने के सरकार के संकल्प को पूरा कर सके।