Saturday, June 21, 2025
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करें योग, बनें निरोग**

**करें योग, बनें निरोग**
(योग दिवस पर विशेष आलेख)
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के दिन विश्व भर के मानव समुदाय में योग का मानव जीवन में महत्व का गुड़गान किया जाता है। वर्तमान भारत सरकार को विश्व मानव जीवन तक योग को पहुंचाने का श्रेय जाता है।योग का जनक भारत ने विश्व मानव समुदाय को योग दिया जिसके करने से निरोगी काया बनती है। योग योग का जनक पतंजलि को माना जाता है। भारतीय शास्त्रों में भी योग के विषय में बहुत कुछ लिखा हुआ है। योग करने के बारे में मानव जीवन संबंधी बातें कही गई हैं । भारत ने 21वीं सदी में योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जन जन तक पहुंचा दिया है। संपूर्ण मानव जाति को योग के माध्यम से निरोगी रहने का संदेश दिया है । आज भौतिकवादी युग में योग का महत्व अत्यधिक बढ गया है।निरन्तर योग करने से मानव जीवन स्फूर्ति से परिपूर्ण हो जाता है। योग मानव शरीर को निरोगी बनाता है। योग के मानव जीवन में अत्यधिक महत्व को देखते हुए इसे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है। अब 21 जून को हर वर्ष सम्पूर्ण विश्व में मानव समुदाय द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है।
योग दिवस पिछले 10 वर्षों से मनाया जाता आ रहा है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के प्रभाव को लेकर हर एक में दावा किया गया है कि इसमें 38.4 प्रतिशत लोगों को स्वास्थ्य संबंधी महत्वपूर्ण फायदे हुए हैं। यह योग की बहुत बड़ी उपलब्धि है। 16.9 प्रतिशत लोगों में तनाव काम हुआ है। 13.3 प्रतिशत लोगों ने योग करने से अपना वजन घटाया है। यही नहीं 8.2 प्रतिशत लोगों ने उच्च रक्तचाप पर काबू पाने में सफलता प्राप्त की है। यह बहुत बड़ी उपलब्धि योग की कही जा सकती है ।योग को हमारी दैनिक क्रिया में यदि शामिल कर लिया जाए तो विश्व का हर नर नारी स्वास्थ्य और तंदुरुस्त रहेगा। यदि विश्व मानव समुदाय को स्वस्थ और निरोगी बने रहना है तो अपने दैनिक जीवन में निम्नलिखित उपाय करने पर ही चमत्कारी लाभ होंगे-
* यदि मानव अपने दैनिक जीवन में से कम से कम आधा घंटा प्रति दिन योग के लिए निकालें तो अनेक चमत्कारी लाभ होंगे।
* दिन चर्या में से यदि सुबह के समय का योग के लिए चयन करें तो अति उत्तम होता है।
* योग से शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक मानवीय शक्ति में वृद्धि होती है।
* योग मानव के बौद्धिक क्षमता विकसित करने में मददगार होता है।
* योग से समाज और देश में समरसता, एकता और अखंडता को बल प्राप्त होता है।
* योग करने वाले व्यक्ति पूरे दिन चुस्त ,दुरुस्त और तन्दरूस्त बने रहते हैं।
* मानव का शरीर स्वस्थ्य रहता है।
* मानव मानसिक रूप से स्वस्थ्य बना रहता है।
* योग करने से सामाजिक और भावनात्मक कल्याण होता है।
* हमेशा निरोगी काया और स्वस्थ्य ह्रदय बना रहता है।
* तनावमुक्त और बेहतर श्वास का आवा गमन बना रहता है।
* बाल-विकास भी तीव्र गति से होता है।
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस अध्ययन को 11 वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस से पूर्व शनिवार को एक कार्यक्रम में जारी किया गया। यह अध्ययन देश भर में 33084 लोगों तथा 2450 पक्षकारों पर हुए सर्वेक्षण पर आधारित है। आंकड़े स्वतंत्र घोषणा के आधार पर हैं। इस दौरान 14.7 प्रतिशत लोगों ने यह कहा कि उन्हें पेट की गैस की समस्या से योग करने से मुक्ति प्राप्त हुई है । हमारे लिए योग जीवनदाई है । योग मानव जीवन में वरदान साबित हुआ है।
विश्व के 24.6 प्रतिशत लोगों ने कहा कि योगाभ्यास करने से उनकी शारीरिक गतिविधियां बढ़ी है । 41% में माना कि उन्होंने योग को अपने जीवन शैली में लागू किया उसकेजं फायदे जंही फायदे हैं।
अतः योग का मानवीय जीवन में बहुत महत्व है । यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए ही नहीं बल्कि मानसिक व भावनात्मक कल्याण के लिए भी फायदेमंद है। नियमित योग अभ्यास करने से मानव शारीरिक लचीलापन प्राप्त करता है। मांसपेशियों की ताकत में वृद्धि होती है । शारीरिक मुद्रा में सुधार होता है। मानसिक तनाव कम होता है। शांत चित्त होने को बढ़ावा मिलता है। चित्त की एकाग्रता के लिए योग दैनिक जीवन में अति आवश्यक है। योग मानव जीवन के लिए वरदान साबित हुआ है। इसलिए करें योग और बनें निरोगी।
लेखक
सत्य प्रकाश
प्राचार्य ,डॉक्टर बी आर अंबेडकर का जन्म शताब्दी महाविद्यालय धनसारी अलीगढ़

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