जनसागर टुडे
आजमगढ़ –पूर्वी भारत से उठे मोंथा तूफान का असर अब आज़मगढ़ जिले में भी दिखने लगा है। पिछले चार दिनों से आसमान पर बादल छाए हैं और रुक-रुक कर बारिश हो रही है। गुरुवार/शुक्रवार की रात हुई तेज बारिश और हवाओं के झोंकों ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। खेतों में पककर तैयार धान की फसलें गिर गईं, जिससे बड़े पैमाने पर नुकसान की आशंका है। जानकारी के अनुसार, जिले में अब तक मात्र पाँच से सात प्रतिशत किसानों ने ही धान की कटाई पूरी की है। लगभग दस प्रतिशत किसानों ने धान काटकर खेतों में सूखने के लिए छोड़ रखा था, लेकिन लगातार हो रही बारिश से वह भी भीग गई है। वहीं, ज्यादातर किसानों की फसलें अब भी खड़ी हैं, जिनकी कटाई का कार्य पूरी तरह ठप हो गया है। खेतों में नमी बढ़ने से मड़ाई का काम भी रुक गया है और पिछेती धान काला पड़ने लगा है, जिससे दाने बनने की प्रक्रिया पर असर पड़ा है। तेज हवाओं के साथ हुई बारिश से सरसों, चना, मटर,लहसुन, आलू और हरी सब्जियों की बुवाई प्रभावित हुई है। कई जगह खेतों में पानी भर गया है। हालांकि जिन किसानों ने सरसों और आलू की शुरुआती बुवाई कर दी थी, उनके लिए यह बारिश कुछ हद तक फायदेमंद साबित हो सकती है। खलिहानों में रखा धान भीग गया है, जिससे किसानों का नुकसान तय माना जा रहा है। गुरुवार को पूरे दिन आसमान में बादल छाए रहे और सूर्यदेव के दर्शन नहीं हुए। तापमान में तीन से चार डिग्री की गिरावट और सात से आठ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हवाओं ने ठंड का अहसास बढ़ा दिया है। सड़कों पर सन्नाटा, बाजारों में सन्नीपन और शाम चार बजे से छाया अंधेरा मौसम के बदले मिजाज को साफ बयां कर रहा है। रुक-रुककर जारी बूंदाबांदी ने किसानों के चेहरों की मुस्कान छीन ली है और अब वे आसमान की ओर टकटकी लगाए बारिश थमने का इंतजार कर रहे हैं।




 
                                    


