रोडवेज बस स्टैंड बनकर तैयार इंतजार है शुभारंभ का आखिर कब मिलेगी जनता को सुविधा।



शिकारपुर: शिकारपुर की जनता वर्षों से अपने लिए एक रोडवेज बस स्टैंड की मांग करती आ रही थी आखिरकार रोडवेज बस स्टैंड तो बनकर तैयार हो गया मगर उसका संचालन आज भी नहीं हो पाया है। आखिर इसमें क्या मजबूरी या क्या समस्या हैं जो इसका सकुशल संचालन नहीं हो पा रहा है नवनिर्मित रोड स्टैंड बनकर तो तैयार हो चुका है मगर शिकारपुर बस स्टैंड पर बस का आगमन क्यों नहीं हो रहा है क्यों बस आकर खड़ी नहीं होती हैं क्यों यात्रियों के लिये सुविधा को आसान नही बनाया जा रहा है इन सवालों के जवाब कौन देगा आखिर जिम्मेदार कौन है जिससे यह सब सवाल किए जाएं कि बस स्टैंड क्या केवल नाम मात्र के लिये निर्मित किया गया है एक तरफ अनूपशहर बस स्टैंड जिस पर इसके साथ ही निर्माण कार्य शुरू किया गया था और आज यात्रियों के लिये आवागमन सुविधा आसान बना दी है व अलीगढ़, मुरादाबाद , बुलंदशहर जैसे शहरों के लिये परिवहन उपलब्ध कराता है। विकास के नाम पर शिकारपुर में उजाले का वादा कर जो अंधकार में रखा गया है उसके पीछे क्या राजनीति हैं आखिर शिकारपुर जो अपना विकास का रास्ता तलाश रहा है उसे वह विकसित होने की उपलब्धि कब मिलेगी।
आप देखे तो पुराने मेरठ-बदायूं मार्ग पर शिकारपुर में चरण सिंह हॉस्टल से लेकर भगत सिंह चौक तक का मार्ग पिछले 20 सालों से जर्जर हालत में गड्ढे में दब गया है अब वह भी अपने निर्माण के लिये आवाज उठा रहा है मगर कोई भी उसकी आवाज नही सुन रहा है आखिर क्यों?
क्या शिकारपुर की आवाज ,शिकारपुर का विकास इन्ही गढ्डों में दफन हो गया है। जहाँ शिकारपुर में नगरपालिका चेयरमैन से लेकर ब्लॉक प्रमुख ओर विधायक व जिले के सांसद भी शिकारपुर तहसील के रहने वाले हैं क्या उन्हें इन गढ्डों की चीख पुकार सुनाई नही देती हैं। आखिर 20 वर्ष से इस रास्ते से कौन नही गुजरा ,आम जनता, नेता, अधिकारी सभी तो इस रास्ते से रोजाना से गुजरते हैं मगर क्या किसी की नजर इस रास्ते के गढ्डों पर नहीं पड़ती है या फिर जानबूझकर शिकारपुर के विकास को गढ्डों में ही धकेला जा रहा है। शिकारपुर की आवाम प्रतिदिन इस मार्ग के निर्माण व रोडवेज बस स्टैंड के संचालन हेतु आवाज उठा रही है लेकिन यह आवाज न तो अधिकारीगण सुन पा रहे हैं ना ही नेतागण सुन पा रहे हैं आखिर इसमें कसूर किसका है कौन जिम्मेदार है इस सब का जवाब तो देना ही होगा।