दिल्ली-एनसीआर के वायुमंडल में प्रदूषकों के बढ़ने के साथ वायु की गुणवत्ता खराब हो गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, बुधवार सुबह आईटीओ में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 274 दर्ज किया जो ‘खराब’ श्रेणी में आती है।
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वहीं, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के आंकड़ों के अनुसार, आनंद विहार में वायु गुणवत्ता सूचकांक 313, आरके पुरम में 305, मुंडका में 325 और पटपड़गंज में 309 दर्ज की गई, सभी चारों जगह ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी हुई हैं।
जानकारी के अनुसार, दिल्ली के पीएम 2.5 प्रदूषण में पराली जलाए जाने की हिस्सेदारी मंगलवार को बढ़कर 23 प्रतिशत हो गई थी, जोकि इस मौसम की सर्वाधिक है। वायु गुणवत्ता पर निगरानी रखने वाली केन्द्र सरकार की एजेंसी ‘सफर’ ने बताया कि सोमवार को यह 16 प्रतिशत जबकि रविवार को 19 प्रतिशत थी।
‘सफर’ ने कहा कि पड़ोसी राज्यों में पराली जलाए जाने के मामलों की संख्या सोमवार को 1,943 रही, जो इस सीजन में सबसे अधिक है। एजेंसी ने कहा कि दिल्ली में पीएम 2.5 कणों की सघनता में पराली जलाए जाने की हिस्सेदारी मंगलवार को 23 प्रतिशत थी। बहरहाल ‘सफर’ ने कहा कि हवा की रफ्तार बढ़ने से दिल्ली की वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार हुआ है।
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मौसम विभाग के अनुसार, हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम की ओर है और इसकी अधिकतम गति 15 किलोमीटर प्रति घंटा है। न्यूनतम तापमान 14.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। ‘सफर’ ने कहा कि बुधवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में थोड़ा सुधार होने का अनुमान है, लेकिन गुरुवार को प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है।
दिल्ली में मंगलवार को 24 घंटे के दौरान औसत 312 एक्यूआई दर्ज किया गया है। सोमवार को दिल्ली का एक्यूआई 353, रविवार को 349 और शुक्रवार को 366 था।
उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।
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