विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन।
– संगोष्ठी में लोगों को किया जागरूक
डीके निगम संवाददाता बुलंदशहर
बुलंदशहर : विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर मेडिकल कॉलेज प्रांगण के एनसीडी क्लिनिक में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया। जहां लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी।
बुलंदशहर के कल्याण सिंह मेडिकल कॉलेज के एनसीडी क्लिनिक में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत के तहत संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील कुमार दोहरे, नोडल राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम डॉ. रामित कुमार सिंह, मनोचिकित्सक डॉ. धीरेंद्र प्रताप सिंह, सहायक प्राध्यापक, मनोचिकित्सा डॉ. विवेक गुप्ता, चिकित्सा अधिकारी डॉ. परवेज़ आलम ने संयुक्त रूप से किया।
आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुनील कुमार दोहरे ने कहा कि ज़िंदगी अनमोल है, इसे सहेजें। अपनी परेशानियों को अपनों से बाँटें, क्योंकि बात करने से हर मुश्किल आसान हो जाती है। आत्महत्या किसी समस्या का समाधान नहीं है, बल्कि समय रहते मदद लेना ही सच्चा समाधान है।
संगोष्ठी में डॉ. रामित कुमार सिंह ने पारिवारिक मेल-जोल बढ़ाने, एक साथ भोजन करने, घर में मोबाइल का उपयोग सीमित करने और परिवार को समय देने पर ज़ोर दिया। डॉ. विवेक गुप्ता ने आत्महत्या के कुछ प्रमुख कारणों जैसे मानसिक अवसाद, नशे की लत, पारिवारिक व शैक्षिक दबाव पर प्रकाश डाला और बताया कि इन कारणों की समय रहते पहचान और उपचार से आत्महत्या की घटनाओं को काफी हद तक रोका जा सकता है। डॉ. धीरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा, “आत्महत्या रोकी जा सकती है। यदि हम मिलकर एक-दूसरे की बात सुनें, सहारा दें और समय पर मदद करें तो कई ज़िंदगियाँ बचाई जा सकती हैं।” वहीं डॉ. परवेज़ आलम ने मधुमेह और उच्च रक्तचाप (डायबिटीज़ और हाइपरटेंशन) के मरीजों में मानसिक स्वास्थ्य सुधारने पर विशेष ध्यान देने की बात कही।
कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने Tele MANAS हेल्पलाइन नंबर 14416 साझा किया और बताया कि इस नंबर पर कॉल कर कोई भी व्यक्ति मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी परामर्श और सहायता प्राप्त कर सकता है।
अंत में सभी प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे आत्महत्या रोकथाम और मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता के संदेश को आमजन तक पहुँचाएंगे।