संविधान दिवस पर भीम वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा है कि संविधान पर आंच नहीं आने देंगे।
डीके निगम 

बुलंदशहर बुधवार को भीम वाहिनी ने 76वां क्षेत्र में संविधान दिवस के अवसर पर संविधान बचाओ आरक्षण बचाओ महासम्मेलन का आयोजन प्रधान फार्म हाउस बुलंदशहर में किया भीम वाहिनी के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट मदनपाल गौतम ने कहा भारत में 76 साल पहले एससी एसटी ओबीसी जाति के लोगों की हालत पशुओं से भी बतर थी कुत्ता बिल्ली से लोग प्यार करते थे घरों में कुत्ते बिल्ली जा सकता लेकिन अनुसूचित जाति जनजाति के लोग नहीं जा सकते महिलाओं पुरुषो को जानवरों से भी बुरा समझते उनके साथ भेदभाव छुआछूत अत्याचार मारपीट गुलामी कराते, अत्याचार शोषण हत्या रेप डकैती आदि घटनाएं करते पुलिस रिपोर्ट दर्ज नहीं करती क्योंकि देश में संविधान नहीं था मनुस्मृति का कानून चलता था भारत आजाद होने बाद बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर ने आज के दिन 26 नवम्बर 1949 को संविधान बनाकर तैयार हुआ था भारत के अनुसूचित जाति जनजाति ओबीसी समाज व महिलाओं के बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर भगवान हैं क्योंकि उन्होंने बोलने का चलने का कपड़े पहनने का पढ़ने का नौकरी का और सार्वजनिक स्थानों पर जाने का रास्ता खोला था सभी अनुसूचित जाति जनजाति की महिलाओं पुरुषों को वोट का अधिकार दि
या आज उसी की बदौलत इस देश में सभी के एक वोट की गिनती एक होती है प्रधानमंत्री के वोट की गिनती एक और सफाई करने वाले की गिनती एक होती है दो नहीं होती बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर भारत के पहले पढ़े-लिखे प्रथम व्यक्ति हैं जिनके पास 32 डिग्री थी और नौ भाषाओं का ज्ञान था आज चारों तरफ पूरे विश्व में संविधान दिवस मनाया जा रहा है सभी बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर के संविधान से प्रेरणा लेकर संकल्प ले रहे हैं हमें किसी भी कीमत पर संविधान को आंच नहीं आने देनी है अगर कोई ऐसा करेगा या करता है तो वाहिनी वाहिनी का कार्यकर्ता अपनी जान दे सकता है लेकिन संविधान को खत्म नहीं होने दिया जाएगा संविधान खत्म हो गया तो देश के अंदर 76 साल पहले जैसा राज भारत में शुरू हो जाएगा आज चारों तरफ बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर को मानने वालों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है आज जो लोग बाबा साहब का अपमान कर रहे हैं उनको भी सबक सिखाने का काम करेंगे इस अवसर पर जनपद से हजारों की संख्या में महिला पुरुष इकट्ठा हुए अनुसूचित जाति जनजाति के छात्र-छात्राओं शील्ड दी गई वह गरीब लोगों को 250 कंबल वितरित किए गए महा सम्मेलन को संबोधित वकील अहमद गाजियाबाद गिरीश आधार चेतन यादव उत्तराखंड समशेर मालिक अशोक वाल्मीकि रमेश चंद पुरुषोत्तम बॉबी प्रधान जतन कुमार मोहित कुमार बृजेश कुमार इस्लामुद्दीन सैफी डॉक्टर मोहित जगदीश प्रधान देशराज सिंह सुभाष चंद्र एचोरा वीरपाल सिंह हरपाल मोहर सिंह नेताजी विजेंद्र सिंह गंगाराम रणजीत सिंह एमपी सिंह लता गौतम मंजू बेगवती सीमा करतारी मिथलेश सुनीता आदि लोगों ने संबोधित किया महा सम्मेलन का संचालन समाजसेवी अर्जुन गौतम ने वह अध्यक्षता बृजेश गौतम जिला अध्यक्ष ने की भन्ते प्रज्ञा रश्मि महातेरा के 50 वर्ष पूर्व घर छोड़ने पर शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
या आज उसी की बदौलत इस देश में सभी के एक वोट की गिनती एक होती है प्रधानमंत्री के वोट की गिनती एक और सफाई करने वाले की गिनती एक होती है दो नहीं होती बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर भारत के पहले पढ़े-लिखे प्रथम व्यक्ति हैं जिनके पास 32 डिग्री थी और नौ भाषाओं का ज्ञान था आज चारों तरफ पूरे विश्व में संविधान दिवस मनाया जा रहा है सभी बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर के संविधान से प्रेरणा लेकर संकल्प ले रहे हैं हमें किसी भी कीमत पर संविधान को आंच नहीं आने देनी है अगर कोई ऐसा करेगा या करता है तो वाहिनी वाहिनी का कार्यकर्ता अपनी जान दे सकता है लेकिन संविधान को खत्म नहीं होने दिया जाएगा संविधान खत्म हो गया तो देश के अंदर 76 साल पहले जैसा राज भारत में शुरू हो जाएगा आज चारों तरफ बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर को मानने वालों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है आज जो लोग बाबा साहब का अपमान कर रहे हैं उनको भी सबक सिखाने का काम करेंगे इस अवसर पर जनपद से हजारों की संख्या में महिला पुरुष इकट्ठा हुए अनुसूचित जाति जनजाति के छात्र-छात्राओं शील्ड दी गई वह गरीब लोगों को 250 कंबल वितरित किए गए महा सम्मेलन को संबोधित वकील अहमद गाजियाबाद गिरीश आधार चेतन यादव उत्तराखंड समशेर मालिक अशोक वाल्मीकि रमेश चंद पुरुषोत्तम बॉबी प्रधान जतन कुमार मोहित कुमार बृजेश कुमार इस्लामुद्दीन सैफी डॉक्टर मोहित जगदीश प्रधान देशराज सिंह सुभाष चंद्र एचोरा वीरपाल सिंह हरपाल मोहर सिंह नेताजी विजेंद्र सिंह गंगाराम रणजीत सिंह एमपी सिंह लता गौतम मंजू बेगवती सीमा करतारी मिथलेश सुनीता आदि लोगों ने संबोधित किया महा सम्मेलन का संचालन समाजसेवी अर्जुन गौतम ने वह अध्यक्षता बृजेश गौतम जिला अध्यक्ष ने की भन्ते प्रज्ञा रश्मि महातेरा के 50 वर्ष पूर्व घर छोड़ने पर शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।





