1 नवंबर, मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर विशेष—
*मध्य प्रदेश में उद्योग , पर्यटन, शिक्षा में छलांग के साथ कई क्षेत्र में प्रगति*–
मध्य प्रदेश के 70 वें स्थापना दिवस पर प्रदेश की उपलब्धियों पर गौर करने का दिन है। अब यह कहा जा सकता है, कि विकसित भारत की दौड़ में म.प्र. भी साथ-साथ चल रहा है। अब और अधिक ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहा है। 10 अगस्त, 2025 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की तरक्की के आकड़े दिए कहा 2024 में कुल निर्यात 468 अरब डालर था, वह अब 824 अरब डॉलर है। वही मप्र का निर्यात 70 हजार करोड़ के पार हो गया,एक साल में 4 पायदान की बढ़त ली है। इधौर, देवास और पीथमपुर औद्योगिक केंद्र से 11,968 करोड़ रु. का फार्मा निर्यात हुआ, जो सबसे बड़ा आयातक अमेरिका है। मप्र ने पिछले वर्ष निवेश आकर्षण और औद्योगिक प्रगति में जिस स्तर पर छलाग लगाई, वह देशभर के लिए मिसाल है। इसके पीछे उद्योगों के लिए सबसे आकर्षण औद्योगिक नीतियों मैं लचीलापन तथा आवश्यक संशोधन हुए है। उद्योगो के लिए प्रदेश में 1.2 लाख एकड के ज्यादा लैंड-बैंक है, वही आज 112 से ज्यादा औद्योगिक विकासित क्षेत्र भी है। अव प्रदेश उधोग और रोजगार के क्षेत्र में अग्रणी बनने में अहम भूमिका निभा रहा है, स्पष्ट है कि 2003 में जहाँ प्रदेश में औधोगिक विकासदर-3-4 प्रतिशत थी, वहीं यह वर्तमान शासन में यह 8-10 प्रतिशत तक पहुंच गई है।
मप्र पर्यटन नीति 2025 के अन्तर्गत मध्यप्रदेश गठन के शुभ अवसर पर पीएम श्री हवाई पर्यटन हेलीकॉप्टर सेवा प्रदेश में प्रमुख धार्मिक, वन्यजीव एवं प्राकृतिक पर्यटन स्थलों के बीच यात्रा अधिक सुविधाजनक और आकर्षक बनेगी । यह पहल मध्य प्रदेश को एक नए पर्यटन आयाम की ओर अग्रसर करेगी जिससे राज्य के एडवेंचर, हेरिटेज टूरिज्म को नहीं पहचान भी मिलेगी यही नहीं देशी और विदेशी पर्यटकों के लिए यात्रा का अनुभव और भी सुखद होगा
मध्य प्रदेश गठन के बाद वर्ष 2003-4 तक प्रदेश में
कुल 5 मेडिकल कालेज थे। वहीं आज प्रदेश में 30 मेडिकल कालेज हो गए, जिस में 17 है ,और 13 निजी क्षेत्र के है। आगामी वर्षों में 12 मेडिकल कॉलेज और तैयार हो रहेlइस के साथ ही आयुर्वेद के 5 मेडिकल कालेज शुरू कर रहे है। पिछले 11 वर्षों में देश सहित प्रदेश के सभी क्षेत्रो में सड़को का जाल बिछा है। शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर शिक्षा के लिए प्रदेश में 369 सांदीपनी विद्यालय, 55 पी एम एक्सीलेंस कालेज तैयार है। मप्र में वन्यजीव संरक्षण पर भी विशेष स्थान दिया जा रहा है। स्थापना दिवस पर 13 वा नेशनल पार्क ओंकारेशर में होगा।
जनजातीय समाज के सशक्तिकरण और समग्र विकास के लिए जमीनी कदम उठाए गए । प्रदेश मे बहुउद्देश्यीय केन्द्र, ग्रामीण आवास, सड़कों का निर्माण, समग्र शिक्षा और विद्युतीकरण जैसे कामों के लिए 1607 करोड़ रू का बड़ा प्रावधान किया गया है। देश में प्रदेश इस बात मे भी अग्रणी है कि आदिवासी समाज के लिए पेसा कानून बना है। प्रदेश के 20 आदिवासी जिलों में 5133 ग्राम पंचायतों में पेसा एक्ट लागू हो चुरा है।डेयरी व पशुपालन के क्षेत्र सहकारी डेयरीयों का आधुनीकीकरण किया है। और कई नई दूध प्रसंस्करण इमाईयों शुरु की। दुग्ध उत्पादन को 9 प्रतिशत से बढाकर 20 प्रतिशत से अधिक करने में प्रयास जारी। प्रदेश में हर खेत तक पानी पहुंचे की उपाय में राज्य में सिंचाइ योग्य भूमिको 7 लाख हेक्टेयर से बढ़कर100 लाख हेक्टयर तक पहुंचाया जा रहा है। खेती के लिए उर्जा सबसे बड़ा संसाधन है अगले4 वर्षों में 40,000 किसानों को सोलर सिचाई पंप देने की योजना है।मप्र के स्थापना दिवस पर प्रदेश की प्रगति कई क्षेत्रो में हुई । उक्त चुनीदा क्षेत्र की प्रगति लिखी गई है। अगले 10 वर्षो में उद्योग और सेवाक्षेत्र में वृद्धि होगी, क्योकि वित्तीय वर्ष वर्ष 2024-25 में रिकार्ड 70 करोड़ रू का नियति प्रदेश हुआ जिससे 15 वे से 11 वे स्थान पर छलांग लगाई है। इन्वेस्टर्स समिट से. 30 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले। आशा है प्रगति होगी, परन्तु असली चुनौती. यह है कि इन वादों को जमीन पर उतारना और युवाओं को ठोस रोजगार दिलाना। प्रदेश के सारे निवेश प्रस्तावो को ठोस उद्योग, स्थायी रोजगार और टिकाऊ आर्थिक विकास में बदलना होगा। इस प्रकार प्रदेश के विकास अधिक सहयोग की आवश्यकता है।
डॉ बी आर नलवाया मंदसौर







