29 सितंबर, विश्व हृदय दिवस
दिल के दौरे से कैसे रहे दूर, –जागरूकता
देश में मौतों का सबसे बड़ा कारण हार्ट अटैक (हृदय रोग) माना गया है। इसमें 85% मौते हार्ट अटैक और स्टौक (stroke) के कारण होती है। अधिकांश भारतीय बीमारी की जांच के बजाय इलाज पर ध्यान केंद्रित करते हैं। 90% भारतीय अपने स्वास्थ्य पर नजर रखने के लिए नियमित रूप से डॉक्टर से चेकअप नहीं कराते हैं।
पिछले दो-तीन वर्षों से कम उम्र के लोगों में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ते हुए देखे गए हैं । पचास वर्ष से कम उम्र के 50 फ़ीसदी और 40 वर्ष से कम उम्र के 25 फीसदी लोगों में हार्ट अटैक का जोखिम देखा गया है कुछ वर्षों पूर्व पुरुषों की तुलना में महिलाओं में हार्ट अटैक के मामले कम थे l एक नए शोध में यह ह्रदय रोग अब बराबर देखे गए । ह्रदय रोगियों की संख्या में वृद्धि हुई। कुछ वर्षों पूर्व वृद्धावस्था में होने वाली इस बीमारी ने युवकों को भी शिकार बना लिया है। वर्तमान में हार्ट अटैक युवाओं में होने के अनेकों- अनेक कारणों का समावेश होता रहा है! इसमें आधुनिक खान-पान और जीवन शैली महत्वपूर्ण है। WHO के अनुसार दुनिया के कुल ह्रदय रोगियों में से 60 प्रतिशत मरीज अकेले भारत में ही होगे। भारत सहित विश्व के सभी देशों में 65 वर्ष की उम्र से पहले मौत का सबसे बड़ा कारण दिल का दौरा होता है दिल की दौरे में दिल की मांसपेशियों के एक हिस्से को रक्त व ऑक्सीजन (Oxygen) की आपूर्ति बंद हो जाती है। यह रूकावट हृदय धमनी में थक्के और कॉलेस्ट्राल के जमने के कारण होती है। स्पष्ट है कि 10 /15 मिनटों तक खून व ऑक्सीजन न मिले ,तो दिल की मांसपेशियां निर्जीव होने लगती है । ह्रदय रोग के मामले में कभी भी देरी नहीं करना चाहिए। अपने निकट के हृदय रोग विशेषज्ञ से तुरंत संपर्क करना चाहिए।
आमतौर पर प्रत्येक व्यक्ति को ह्रदय रोग( Heart Attack )के बारे में इसके लक्षण मालूम होना चाहिए।
पसीना आ रहा है ,सांस फूल रही है ,दो कदम चलने में अधिक दिक्कत आ रही है, घबराहट महसूस हो रही है, बहुत थकान है ,या फिर चक्कर आ रहे हैं इनके अलावा छाती में दर्द बेचैनी, सांस लेने में समस्या या फिर सांसों का तेजी से चलना । ये हार्ट अटैक के लक्षण होते हैं । हार्ट अटैक के खतरे दुर्लभ बीमारियों के उदय से भी होने लगतें है, इसमें मधुमेह रक्तचाप, तनाव और अपर्याप्त नींद आदि भी हार्ट अटैक को बढ़ाते हैं। चिप्स, फ्रेंच फ्राइज ,कैंडी, आइसक्रीम, चॉकलेट, कोक, और सोडा जैसी हाई कार्बोहाइडेड, शुगर ओर पेंटी, फैटी एसिड वाली चीजों को कंफर्ट फूड में रखा गया है। इनसे हार्ट अटैक का रोग खतरा 33% बढ़ जाता है। यदि प्रतिदिन लगभग 800/900 ग्राम फल और सब्जियां खाते हैं ,तो उनमें हार्ट अटैक का खतरा लगभग 30% कम होता है। हृदयाघात की जोखिम बढ़ने के 6 कारणों में से 4 कारण तो जीवनशैली से जुड़े है– जिन्हें नियन्त्रित कर ह्रदय घात के खतरे को काफी कम करके दिल को मजबूत किया जा सकता।
0 धूम्रपान पूरुषों व महिलाओं दोनों के लिए जानलेवा गैर-जानलेवा दोनो किस्म के हार्ट अटैक का कारण बन सकता।
0 उच्च रक्तचाप को कम करना आवश्यक है, क्योंकि दिल को बहुत ज्यादा काम करना पड़ता है।
0 रक्त में खराब कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल का स्तर अधिक होने से हृदय रक्त वाहिनियों में जमने लगता है। इससे धमनियाँ सिकुड़ती (Tang) जाती है, और दिल में रक्त की मात्रा कम होने लगती है।
0 प्राकृतिक भोजन का सेवन करना आवश्यक है, यहां अत्यधिक तेल वह वसायुक्त भोजन का सेवन वर्जित या अन्य कारणों से उत्पन्न तनाव, शारीरिक श्रम का अभाव भी ऐसे कारण है। इनके अलावा लगातार बैठक, मोबाईल में अधिक समय तक गेम खेलते रहने से भी हृदय रोग का खतरा बढ़ता है। हृदय रोग से बचने के अनेक उपाय जो आसानी से किये जा सकते करना होगा।
प्रस्तुत लेख में सामान्य जानकारी दी गई है, हृदय रोग विशेषज्ञ से सलाह- मसरा करके इसके बारे में अधिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है। हृदय रोग दिवस मनाने का प्रमुख कारण जन जागरूकता फैलाना है ,प्रत्येक व्यक्ति अपनी अच्छी आदतें व खानपान के व्यवस्थित तरीके से दिल को स्वस्थ और मजबूत बनाऐ रख सकता है । प्रत्येक व्यक्ति को दिल के बारे में सही जानकारी लेना आवश्यक है।
डॉ.बी.आर.नलवाया ,मंदसौर