करोड़ों चढ़ावे के बाद भी बेलौन भवानी मंदिर विकास से वंचित।
नवरात्रों में श्रद्धालुओं को कीचड़ और गंदगी से गुजरने की मजबूरी।
विकास का दावा करने वालों के वायदे हवा हवाई जनता परेशान।
नवरात्रि 21 सितंबर से चालू है कोई तैयारी नहीं है बेलोंन में अभी।
डीके निगम/जेपी गौतम
रामघाट/नरौरा/बुलंदशहर/
बेलौन भवानी मंदिर पर हर साल करोड़ों रुपये का चढ़ावा आता है, लेकिन दुर्भाग्य यह है कि गांव और मंदिर परिसर का हाल अब तक नहीं सुधर पाया। नवरात्रों के अवसर पर लाखों श्रद्धालु मां भवानी के दर्शन करने पहुंचेंगे, मगर उन्हें कीचड़, दलदल और गंदगी से होकर गुजरना पड़ेगा।
बेलौन भवानी
मंदिर का ऐतिहासिक महत्व है।
कहा जाता है कि बेलौन भवानी मंदिर सैकड़ों वर्ष पुराना है और मां भवानी की यह शक्ति पीठ क्षेत्रीय श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है। नवरात्रों में दूर-दराज़ से भक्त यहां दर्शन करने आते हैं। मान्यता है कि यहां सच्चे मन से की गई प्रार्थना
शीघ्र ही पूरी होती है। यही कारण है कि मंदिर पर हर वर्ष करोड़ों का चढ़ावा चढ़ता है।
श्रद्धालुओं का कहना है कि मंदिर तक जाने वाले रास्तों पर जगह-जगह पानी भरा रहता है। बरसात के मौसम में गलियां दलदल में तब्दील हो जाती हैं। सफाई व्यवस्था न होने से श्रद्धालुओं को बदबू और गंदगी का सामना करना पड़ता है।
ग्रामीणों का आरोप कि करोड़ों का चढ़ावा चढ़ने के बावजूद मंदिर क्षेत्र और गांव में कोई ठोस विकास कार्य नहीं हुआ। सड़कें टूटी पड़ी हैं, नालियां गंदगी से भरी रहती हैं और पीने के पानी की भी समुचित व्यवस्था नहीं है।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन और जनप्रतिनिधियों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि नेताओं को केवल चुनाव के समय ही गांव की याद आती है, बाकी समय समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता
जिसका जीता जागता एक उदाहरण बेलौन रामपुर सिलाहरी वाली सड़क आपके सामने है जो वर्षो से जर्जर अवस्था में पड़ी हुई है इस सड़क के पीछे लोकसभा चुनाव में रामपुर में ग्रामीणों ने चुनाव मतदान का बहिष्कार किया था भाजपा नेताओं के आश्वासन के बाद मतदान शुरू हुआ था लेकिन फिर भी अभी तक यह सड़क नहीं बन पा रही है यह सड़क बेलौन भवानी मंदिर की मेन सडक है।
श्रद्धालुओं की व्यंग्यात्मक पुकार
नवरात्रों में मां भवानी के जयकारों के बीच श्रद्धालुओं और ग्रामीणों के मुंह से यह भी सुनाई देता है—
“जय हो बेलौन मैया की… प्रशासन और जनप्रतिनिधि बेखबर हैं।”