Monday, August 25, 2025
No menu items!
spot_img
spot_img
होमNCRमहिला पहलवान राखी का आमरण अनशन तीसरे दिन भी जारी, बोलीं- "मर...

महिला पहलवान राखी का आमरण अनशन तीसरे दिन भी जारी, बोलीं- “मर जाऊं तो कैंडल मार्च न निकालें”

गाजियाबाद : महिला पहलवान राखी ने अपने और लाखों अन्य महिलाओं के लिए न्याय की मांग को लेकर गाजियाबाद जिला मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना और आमरण अनशन शुरू किया है। आज उनके अनशन का तीसरा दिन है, और वे अपनी मांगों पर अडिग हैं। राखी ने कहा, “यह मेरी अकेले की लड़ाई नहीं है, बल्कि उन लाखों महिलाओं की आवाज है जो अन्याय और उत्पीड़न का शिकार हैं।” उन्होंने हाल ही में ग्रेटर नोएडा में एक बहू को उसके ससुराल वालों द्वारा जिंदा जलाए जाने की घटना का जिक्र करते हुए सवाल उठाया, “आखिर कब तक महिलाएं इस तरह की प्रताड़ना सहेंगी?” राखी ने समाज से अपील करते हुए कहा, “मैंने अन्न का त्याग कर रखा है। अगर मेरी मांगों पर जल्द निर्णय नहीं लिया गया, तो मैं जल का भी त्याग कर दूंगी। चाहे मेरी जान ही क्यों न चली जाए, मैं अपने हक और न्याय के लिए लड़ूंगी।” उन्होंने यह भी कहा, “इस दौरान अगर मेरी मृत्यु हो जाती है, तो प्लीज कैंडल मार्च मत निकालना, घी के दिये जलाना। क्या फर्क पड़ता है, अगर एक और बेटी मर जाए?”
राखी ने अपने ससुराल वालों पर बिना किसी कारण के उन्हें घर से निकालने और उनके सम्मान का अपमान करने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि उनकी शादी 9 जुलाई 2024 को गाजियाबाद के अवंतिका कॉलोनी निवासी भुवनेश कुमार से हुई थी। शुरू में सब ठीक था, लेकिन कुछ समय बाद ससुराल वालों का व्यवहार बदल गया। उनके पति, जो मुंबई में नौकरी करते थे, ने उन्हें धोखा देकर विदेश चले गए और उनका नंबर ब्लॉक कर दिया। राखी ने यह भी आरोप लगाया कि उनके ससुर, जो उत्तर प्रदेश पुलिस में दारोगा हैं, ने उनके साथ बुरा व्यवहार किया और तलाक के लिए दबाव बनाया। राखी ने स्पष्ट किया कि वे तलाक नहीं चाहतीं, बल्कि अपने ससुराल में सम्मान के साथ स्वीकार किया जाना चाहती हैं।
राखी ने पुलिस और प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि उनकी मदद करने के बजाय, पुलिस ने उन्हें और उनके बुजुर्ग माता-पिता को धमकियां दी हैं। उन्होंने बताया कि 17 अगस्त को पुलिस ने उनके साथ बर्बरता की थी। राखी ने सवाल उठाया, “यह बर्बरता किसके आदेश पर की गई थी?” इसके अलावा, पुलिस ने यह आश्वासन दिया था कि वे दोनों पक्षों को आमने-सामने बिठाकर बातचीत कराएंगे, लेकिन अब तक ससुराल पक्ष सामने नहीं आया है। राखी ने कहा, “पुलिस इतनी नाकाम क्यों है कि वह मेरे ससुराल वालों को सामने नहीं ला सकी?”

राखी की प्रमुख मांगें

राखी ने अपनी मांगों को स्पष्ट करते हुए कहा कि उनकी मांगें जायज और छोटी हैं !ससुराल वालों से जवाबदेही: ससुराल वालों को यह बताना चाहिए कि उनकी क्या गलती थी, जिसके कारण उन्हें घर से निकाला गया। अगर कोई गलती नहीं है, तो उन्हें सम्मान के साथ घर वापस लिया जाए।

पुलिस की जवाबदेही: 17 अगस्त को पुलिस द्वारा की गई बर्बरता की न्यायिक जांच हो और यह स्पष्ट हो कि यह किसके आदेश पर हुआ।

निष्पक्ष सुनवाई: घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत उनके मामले की त्वरित और निष्पक्ष सुनवाई हो, और दोषियों को सजा दी जाए।

त्वरित न्याय की व्यवस्था: महिलाओं को सालों तक कोर्ट-कचहरी के चक्कर न काटने पड़ें, इसके लिए प्रक्रिया में सुधार किया जाए।

कानूनी संशोधन: मौजूदा कानूनों में बदलाव हो ताकि पीड़ित महिलाओं को तत्काल राहत मिल सके।
राखी ने घोषणा की है कि यदि उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं, तो वे अपने अनशन को और तेज करेंगी। उन्होंने कहा, “मैंने पहले ही अन्न का त्याग कर दिया है। अगर जल्द ही महिलाओं के लिए कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो मैं जल का भी त्याग करूंगी। चाहे मेरी जान ही क्यों न चली जाए, मैं अपना अनशन जारी रखूंगी।
राखी के इस साहसिक कदम को कई सामाजिक संगठनों, कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों का समर्थन मिल रहा है। गाजियाबाद जिला मुख्यालय पर उनके धरने और अनशन को देखते हुए लोग उनके समर्थन में जुट रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी उनकी मांगों को लेकर चर्चा तेज हो गई है, और कई लोग उनके साहस की सराहना कर रहे हैं।
23 अगस्त को मेडिकल टीम ने अनशन स्थल पर पहुंचकर राखी के स्वास्थ्य की जांच की, लेकिन अब तक पुलिस और जिला प्रशासन की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया या कार्रवाई की जानकारी सामने नहीं आई है। राखी ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर तत्काल कार्रवाई नहीं हुई, तो वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगी।
शनिवार को राज्य महिला आयोग की एक सदस्य के प्रतिनिधि ने राखी से फोन पर बात की और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। प्रतिनिधि ने बताया कि आयोग को मीडिया के माध्यम से राखी के अनशन के बारे में जानकारी मिली है, और इस मामले का समाधान निकालने के लिए प्रयास किए जाएंगे।
राखी ने समाज से अपील करते हुए कहा, “हमारी ताकत हमारी एकता में है। मेरे साथ खड़े हों, ताकि हम एक ऐसा समाज बना सकें जहां हर महिला को सम्मान, सुरक्षा और समानता मिले। यह अनशन मेरे लिए नहीं, बल्कि उन तमाम बहन-बेटियों के लिए है जो अपने हक के लिए लड़ रही हैं।”
राखी का यह आंदोलन न केवल उनकी व्यक्तिगत लड़ाई को दर्शाता है, बल्कि यह उन लाखों महिलाओं की आवाज बन गया है जो अपने अधिकारों और सम्मान के लिए संघर्ष कर रही हैं। अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन और पुलिस इस मामले में त्वरित कार्रवाई करेगी, या राखी का यह अनशन और तेज होगा?

- Advertisement -spot_img

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

- Advertisment -spot_img

NCR News

Most Popular

- Advertisment -spot_img