गाजियाबाद। 3 दिन पूर्व सामूहिक दुष्कर्म का शिकार हुई 23 वर्षीय पीड़िता का शव गुरुवार सुबह मकान की पहली मंजिल के कमरे में फंदे से लटका मिला। पीड़िता के लटके शव को देखकर परिजनों में कोहराम मच गया। सूचना पर पहुंची पुलिस लोनी थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। परिजनों का आरोप है कि पुलिस द्वारा आरोपियों की गिरफ्तारी न किए जाने से पीड़िता काफी परेशान थी।
लोनी थाना इलाके में परिवार के साथ रहने वाली 23 साल की युवती बीते सोमवार शाम करीब 7 बजे टहलते हुए अचानक लापता हो गई। पीड़िता (मृतका) के भाई ने बताया कि करीब 10 बजे उसकी बहन ने किसी राहगीर के फोन से चाचा को कॉल कर खुद को निठोरा रोड पर बताया। जब परिजन उसके पास गए तो उसने परिजनों को बताया कि 3 युवक उसे अगवा कर निठोरा के जंगलों में ले गए थे ,जहां उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। परिजन पीड़िता को लोनी थाने लेकर गए। परिजनों का आरोप है कि पुलिस कार्रवाई के लिए टालमटोल कर रही थी। मुश्किल से पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल कराया और तहरीर लेकर अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। परिजनों का आरोप है कि पुलिस कार्रवाई न होने से क्षुब्ध पीड़िता ने सुबह 6 बजे फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। हालांकि मृतका के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। डीसीपी रूरल सुरेन्द्र नाथ तिवारी का कहना है कि परिजनों की तहरीर पर अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज की गई है। मृतका मानसिक रूप से कमजोर थी ,जिसका उपचार चल रहा था। पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों की पहचान कर ली है। जिन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
भारी पुलिस बल रहा मौके पर मौजूद
पीड़िता के सुसाइड की सूचना जैसे ही पुलिस को मिली। पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। पीएसी समेत भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और एडिशनल सीपी आलोक प्रियदर्शी ने भी घटनास्थल का निरीक्षण कर घटना की जानकारी ली। डीसीपी ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु 5 टीमों का गठन कर दिया गया है।

परिजनों ने लगाए पुलिस पर गंभीर आरोप…..
परिजनों का आरोप है कि बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ जिसकी एफआईआर पुलिस ने समय से नहीं लिखी। पुलिस समय से कार्रवाई करती तो आरोपित पकड़े जाते और उनकी बेटी आज जिंदा होती। वहीं परिजनों का कहना है कि पुलिस उनकी बेटी को मानसिक कमजोर बता रही है। जबकि उसने पुलिस द्वारा दिखाई गई फोटो से एक आरोपी को पहचान लिया था और वह मोबाइल भी चलाती थी और सोशल मीडिया पर भी एक्टिव रहती थी ,वह मोटरसाइकिल भी चला लेती थी ,तो उनकी बेटी मानसिक कमजोर कैसे हो सकती है।
देर शाम 8 बजे किया शव का अंतिम संस्कार……
परिजनों ने पोस्टमार्टम के बाद शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया।परिजनों की मांग थी कि पुलिस की लापरवाही से उनकी बेटी ने जान दी है। अगर समय रहते पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार कर लेती तो उनकी बेटी सुसाइड नहीं करती। उन्होंने लापरवाह पुलिस कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की और उसके बाद ही अंतिम संस्कार करने की बात कही। देर शाम 8 बजे आलाधिकारियों के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के आश्वासन पर परिजन अंतिम संस्कार को राजी हुए और शव का अंतिम संस्कार किया।