Wednesday, July 2, 2025
No menu items!
spot_img
spot_img
होमराज्यउत्तर प्रदेशपत्रकार अपूर्वा चौधरी ने थाना मधुबन बापूधाम पुलिस के खिलाफ शुरू किया...

पत्रकार अपूर्वा चौधरी ने थाना मधुबन बापूधाम पुलिस के खिलाफ शुरू किया आमरण अनशन,मिला संगठनों का समर्थन

गाजियाबाद,- वरिष्ठ पत्रकार अपूर्वा चौधरी ने थाना मधुबन बापूधाम पुलिस के तानाशाही रवैये, दुर्व्यवहार और उत्पीड़न के विरोध में गाजियाबाद जिला मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना और आमरण अनशन शुरू कर दिया है। यह अनशन आज, 1 जुलाई 2025 से शुरू हो चुका है और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक इसे शांतिपूर्ण तरीके से जारी रखने का संकल्प लिया गया है। अपूर्वा चौधरी ने अपनी शिकायत में बताया कि 27 जून 2025 को उनकी गाड़ी से संबंधित एक दुर्घटना की शिकायत दर्ज कराने के लिए वे थाना मधुबन बापूधाम गई थीं। वहां थाना प्रभारी और पुलिस कर्मियों का व्यवहार अत्यंत आपत्तिजनक और अमानवीय था। उनके अनुसार, थाना प्रभारी के कार्यालय में एक दबंग व्यक्ति ने उनकी लज्जा भंग करने का प्रयास किया और जान से मारने की धमकी दी। इसके बावजूद, पुलिस ने न तो इस घटना पर कोई कार्रवाई की, बल्कि उल्टा अपूर्वा को अपमानजनक तरीके से कार्यालय से बाहर खींचकर निकाला गया। थाना प्रभारी ने धमकी भरे लहजे में बात की और शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया। साथ ही, उनकी सोशल मीडिया पोस्ट हटाने के लिए भी दबाव डाला गया।
अपूर्वा ने इस मामले की शिकायत 28 जून 2025 को पुलिस आयुक्त, गाजियाबाद को लिखित रूप में दी थी, जिसमें त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया गया था। हालांकि, आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण वे आमरण अनशन पर बैठने को मजबूर हुई हैं। उन्होंने कहा, “पुलिस का यह व्यवहार न केवल शर्मनाक है, बल्कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों और न्याय व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाता है।”
अपूर्वा चौधरी ने कहा, “जब तक मेरी मांगें पूरी नहीं होतीं, मैं शांतिपूर्ण तरीके से धरना और आमरण अनशन जारी रखूँगी, भले ही इसके लिए मुझे अपने प्राणों की आहुति देनी पड़े।” उन्होंने प्रशासन से इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
यह मामला सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बना हुआ है। कुछ लोगों ने अपूर्वा के समर्थन में आवाज उठाई है, जबकि अन्य ने पुलिस प्रशासन से इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। गाजियाबाद में हाल के दिनों में पुलिस और नागरिकों के बीच तनाव की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिसके कारण यह अनशन और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।
अपूर्वा चौधरी की मांगें:
तत्काल निलंबन: उनके और उनके पति ललित चौधरी, जो भारत का बदलता शासन के प्रकाशक और संपादक हैं, के साथ दुर्व्यवहार करने वाले थाना प्रभारी और संबंधित पुलिस कर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए।
निष्पक्ष जांच: उक्त पुलिस कर्मियों के खिलाफ स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कर कठोर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
दुर्व्यवहार पर रोक: पत्रकारों और आम नागरिकों के साथ इस तरह के दुर्व्यवहार को रोकने के लिए ठोस और प्रभावी कदम उठाए जाएं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
इन्होंने पहुंचकर दिया धरने को समर्थन
पत्रकार अपूर्वा चौधरी द्वारा शुरू किए गए थाना मधुबन बापूधाम पुलिस के खिलाफ  आमरण अनशन को कई संगठनों ने समर्थन दिया जिनमें राष्ट्रीय स्वर्ण वाहिनी
जिला अध्यक्ष ब्रजभूषण शर्मा,राष्ट्रीय समाज पार्टी
नरेश कुमार कीर  राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं समस्त टीम,
गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन सचिव अनिल कुमार सिंह,
सत्यपाल चौधरी वरिष्ठ समाजसेवी, समाजवादी पार्टी युवजन सभा जिला अध्यक्षजीतू शर्मा, समाजवादी पार्टी विधानसभा अध्यक्ष आकाश अग्रवाल, हरेन्द्र चौधरी, चेयरमैन ओम विहार कालोनी,सत्य सनातन युवा वाहिनी
मोहन लाल गौड़ अध्यक्ष  मुख्य है ।
- Advertisement -spot_img

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

- Advertisment -spot_img

NCR News

Most Popular

- Advertisment -spot_img