जनसागर टुडे
    गौतम बुद्ध नगर- कर्मवीर नगर प्रमुख ने कहा कि
 जनपद गौतम बुद्ध नगर के गांवों में जमीन जायदाद की कीमतों में दिन प्रतिदिन हो रही बढ़ोतरी की वजह से आपसी पारिवारिक विवाद और रंजिश आमतौर पर देखने को मिल रही हैं। इसी वजह से पुलिस थानों और न्यायालयों में भी जमीन जायदाद जुड़े मामलों में वृद्धि होना स्वाभाविक है। जमीन जायदाद से जुड़े पारिवारिक विवादों में वृद्धि का एक मूल कारण पंचायत राज व्यवस्था से वंचित 288 गांवों के निवासियों के परिवारिक सदस्यों का ब्यौरा परिवार रजिस्टर में अपडेट न होना भी है।
 यह भी सर्वविदित है कि जनपद गौतम बुद्ध नगर की लगभग 288 ग्राम पंचायतों को इंडस्ट्रियल टाउनशिप घोषित किए जाने के कारण इन गांवों में सन् 2015 से पंचायतों का गठन बंद कर दिया गया है। पंचायत राज व्यवस्था से वंचित यह 288 ग्राम पंचायतें विकासखंड बिसरख, विकासखंड दादरी और विकासखंड दनकौर के क्षेत्रांतर्गत आती थीं। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के नोटिफाइड क्षेत्र में स्थित इन गांवों में पंचायत राज व्यवस्था समाप्ति के बाद से किसी सरकारी कर्मचारी की तैनाती न होने की वजह से इन गांवों के वाशिंदो के पारिवारिक सदस्यों का ब्यौरा परिवार रजिस्टर में अपडेट नहीं किया जा रहा है। जिसकी वजह से पारिवारिक संपत्ति
जैसे अनेक तरह के विवाद उत्पन्न हो रहे हैं।
  पंचायत राज व्यवस्था के समय तो ग्राम विकास अधिकारी अपने अधिकारिक क्षेत्र के गांवों के परिवार रजिस्टर में परिवार का समस्त लेखा-जोखा दर्ज करके अपडेट रखते थे। लेकिन अब इन 288 गांवों में परिवार रजिस्टर अपडेट करने के लिए किसी भी कर्मचारी की नियुक्ति न तो जिला प्रशासन की तरफ से की गई है और ना ही प्राधिकरणों की तरफ से कोई व्यवस्था की गई है। जिसकी वजह से इन गांवो में जमीन जायदाद से जुड़े बहुत से विवाद और आपसी रंजिश उत्पन्न हो रहे हैं।
  इन गांवों के निवासी जन्म, मृत्यु प्रमाण पत्र, परिवार रजिस्टर में नाम अपडेशन जैसी ब्लॉक स्तर पर मिलने वाली तमाम सुविधाओं से वंचित हो गए हैं। गांवों के लोग अभी इतने शिक्षित नहीं हैं कि वह डिजिटलाइजेशन का प्रॉपर लाभ ले सकें।  इसलिए नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के इंडस्ट्रियल टाउनशिप घोषित इन 288 गांवों  में परिवार रजिस्टर अपडेट कराने व विकासखंड स्तर व ग्राम पंचायत स्तर पर मिलने वाली जन्म, मृत्यु प्रमाण पत्र व राशन कार्ड बनवाने जैसी सुविधाओं को बहाल करने की व्यवस्था कराई जानी चाहिए। जिनकी वजह से ग्रामवासियों को विभिन्न सरकारी कार्यालयों की ठोकरें खानी पड़ रही हैं। जनपद गौतम बुद्ध नगर के जनप्रतिनिधियों को भी इंडस्ट्रियल टाउनशिप घोषित गांवों से जुड़े इन मुद्दों का संज्ञान लेकर शासन-प्रशासन स्तर पर निस्तारण कराना चाहिए।



                                    


